सोलन, 26 अक्तूबर : वो अपनी मौत से अनजान था। खुशी-खुशी दिल्ली के साकेत से शिमला की बुकिंग ली थी। पुरानी कार खरीदने के बाद वाशिद खुद ही ड्राइविंग करता था, ताकि परिवार के लिए कुछ पैसे अतिरिक्त भी कमा ले। लेकिन उसे भनक तक नहीं थी कि शिमला से चंद कोस पहले ही उसे दर्दनाक मौत दे दी जाएगीं। हर कोई इस बात से सन्न हैं कि हत्यारों ने कालका-शिमला हाईवे के किनारे ही बेधड़क होकर संगीन आपराधिक वारदात को अंजाम दे दिया।
बता दें कि हाईवे पर ध्यारीघाट में मंगलवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई थी, जब एक कार (HR38Y-0410) में चालक के शव को खून से सना पाया गया था। शुरुआती नजर में ऐसा प्रतीत हुआ कि चालक को गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया है, लेकिन फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर ही ये साफ कर दिया कि हत्या तेजधार हथियार से की गई है। शुरुआती जांच में पुलिस ने परवाणु बैरियर से कंडाघाट तक की सीसी फुटेज को खंगाला है। इसमें कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।
देर शाम दिल्ली से पहुंचे परिवार के सदस्यों ने ये खुलासा किया कि वो साकेत से टैक्सी की बुकिंग लेकर शिमला के लिए निकला था। लाजमी तौर पर पहला संदेह बुकिंग करने वाले पर ही होगा। सूत्रों का कहना है कि पुलिस को घटनास्थल से करीब 50 से 60 मीटर दूर मृतक का मोबाइल बरामद हुआ है, लेकिन इसे फैंकने से पहले तोड़ दिया गया था। जबकि कार की चाबी, दूसरी सड़क पर घटनास्थल से कुछ दूरी पर मिली है।
हालांकि, जांच के बाद ही असल तस्दीक होगी, लेकिन मौका-ए-वारदात के बारीकी से निरीक्षण के बाद पुलिस ये मान रही है कि अचानक ही वाशिद पर हमला कर दिया गया। इसमें एक व्यक्ति शामिल था या ज्यादा, इस बारे में भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। ऐसा भी बताया जा रहा है कि परवाणु के सनौरा बैरियर से टैक्सी रात साढ़े 12 बजे के आसपास निकली थी। यानि, हत्या का वक्त डेढ़ से दो बजे के बीच का हो सकता है। पुलिस मोबाइल का डंप डाटा भी खंगाल रही है।
घटना की जांच कर रहे डीएसपी संतोष शर्मा ने कहा कि जल्द ही हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया जाएगा। कुल मिलाकर हत्यारों के सलाखों के पीछे पहुंचने के बाद ही सनसनीखेज वारदात के मकसद से पर्दा उठेगा। गौरतलब है कि हत्या की वारदातों में अमूमन मोटिव व हथियार की बरामदगी ही पुलिस की अहम प्राथमिकता में शामिल होता है। लाजमी तौर पर गुनहगारों के काबू होने के बाद ही इस पर से पर्दा उठेगा।