चंबा, 24 अक्तूबर : मौसम के तल्ख तेवर ने चुराह क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। शनिवार शाम को बारिश के साथ चली तेज आंधी से क्षेत्र में दो स्कूलों की छतें उड़ गई। चुराह के अंतर्गत आने वाले राजकीय उच्च विद्यालय हिमगिरी कोठी स्कूल की छत हवा में उड़कर दूर जा गिरी। इस दौरान मार्ग से घर जा रहा एक ग्रामीण इन चादरों की चपेट में आ गया, जिसके कारण व्यक्ति की बाजू टूट गई, साथ ही दोनों टांगों के साथ-साथ शरीर के अन्य हिस्से में भी गहरी चोटें आई हैं।
बताया जा रहा है कि घायल व्यक्ति हिमगिरी के ही टिकरी गांव का रहने वाला है और शाम के समय अपने घर लौट रहा था, जो हादसे का शिकार हो गया। स्थानीय लोगों ने घायल व्यक्ति को तुरंत उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया, जहां उसे प्राथमिक उपचार के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज रैफर कर दिया गया है। बहरहाल छत उड़ने से स्कूल के अंदर रखा सारा सामान भी पूरी तरह से भीग गया है। रविवार को स्टाफ सदस्यों ने स्कूल पहुंच कर अंदर रखे जरूरी सामान को उठाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया।
इसके अलावा चुराह के ही तहत आने वाली पंचायत खुशनगरी में पड़ने वाले लल्हेतर स्कूल की छत की कुछ चादरें भी तेज हवा में उड़ गईं। बारिश के साथ आए तेज तूफान से क्षेत्र में घरों को भी नुकसान होने का समाचार है। वहीं मटर व मक्की की फसल भी प्रभावित हुई है। जिला के चुराह, सलूणी, पांगी, लंगेरा, हिमगिरी चांजू, डलहौजी व जोत सहित मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई ताजा बर्फबारी से किसानों की मक्की व मटर की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
इन मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किसान मक्की की फसल को बटोरने में डटे हुए थे। ऐसे समय में हुई बर्फबारी ने किसानों को चिंता में डूबो दिया है। इसके अलावा खेतों में बिजी गई मटर की फसल की फली का साइज बनने से पहले ही उस पर गिरे फाहों से फसल के खराब होने की उम्मीद बढ़ गई है।
अक्टूबर माह में ही ठंड से कांपे लोग
पीरपंजाल एवं धौलाधार की पर्वत चोटियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली हैं। पहाड़ों की चोटियों के अलावा इस बार अक्टूबर माह में ही मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों तक बर्फबारी हुई हैं। वहीं निचले क्षेत्रों में जमकर बारिश व ठंडी हवाएं चलने से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। रविवार को दिन के समय जिला का न्यूनतम तापमान आठ से दस डिग्री सेल्सियस तक रेकॉर्ड किया गया है।
वहीं भरमौर, पांगी, चुराह व सलूणी के मध्यम पहाड़ी क्षेत्रों का न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे पहुंच गया है। तापमान में भारी गिरावट आने से अक्टूबर माह में ही पहाड़ी जिला चंबा ठिठुरन भरी ठंड की चपेट में आ गया है। ठंड से बचने के लिए लोग हिटर के अलाव के अलावा गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करने लगे हैं।