नाहन,24 अक्टूबर : हालांकि पहले भी सिरमौर के अस्पतालों से रैफर की गई गर्भवती महिलाओं के चंद कोस दूर 108 में प्रसूति होने की खबरें मिलती रही हैं, लेकिन उन मामलों में डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा को अस्पताल में दाखिल कर दिया जाता है। इस बार एक अलग मामला सामने आया है। इसमें ददाहू अस्पताल प्रबंधन से नाराज परिवार ने जच्चा बच्चा को 108 में डिलीवरी के बाद अस्पताल ले जाने की बजाय घर का रास्ता पकड़ लिया।
दरअसल हुआ यूं कि रविवार सुबह करीब 6:45 बजे एक गर्भवती महिला कमलेश को पनार गांव से प्रसव पीड़ा के साथ ददाहू अस्पताल लाया गया, लेकिन महज 20 मिनट में ही सही जांच के बगैर ही मौजूद डॉक्टर साहब ने महिला को नाहन रैफर कर दिया। परिवार बार-बार इस बात का तर्क देता रहा कि तमाम रिपोर्ट नॉर्मल है, लिहाजा डिलीवरी सामान्य हो सकती है, लेकिन डॉक्टर साहब मानने को तैयार नहीं थे। उन्होंने तुरंत ही गर्भवती महिला को नाहन रैफर कर दिया। परिवार ने 108 को सूचित किया, चंद मिनटों में ही 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई। एंबुलेंस को ददाहू से नाहन के लिए रवाना हुए चंद मिनट ही हुए थे कि कमलेश की 108 एंबुलेंस में ही नॉर्मल डिलीवरी हो गई।
अस्पताल लाने व डिलीवरी के बीच महज पौने घंटे का ही फैसला रहा। आपको बता दें कि अस्पताल से महज चंद मीटर की दूरी पर ही 108 कर्मियों ने सफल प्रसूति करवा दी। कमलेश की गोद में बेटी की किलकारी गूंज उठी थी। गौरतलब है कि यह कमलेश की दूसरी डिलीवरी थी। चूंकि परिवार का ददाहू अस्पताल से भरोसा टूट चुका था लिहाजा वो जच्चा -बच्चा को लेकर सीधे ही घर चले गए।
उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए महिला के जेठ चमन ठाकुर ने कहा कि वह लगातार सीएम हेल्पलाइन पर संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं मगर संपर्क नहीं हो रहा है। इस मामले की वह लिखित शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर काम से बचने के लिए चिकित्सकों द्वारा अस्पताल से केस रैफर कर दिए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि नाहन में भी गायनी वार्ड पर अतिरिक्त दबाव इस कारण है क्योंकि पांवटा साहिब, ददाहू के अलावा शिलाई से भी केस नाहन ही रैफर कर दिए जाते है।
उधर ददाहू अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है, मिलने की स्थिति में प्रकाशित की जाएगी। कुल मिलाकर सवाल ये उठता है कि क्या सच में सिरमौर के अस्पतालों से मेडिकल कॉलेज में इस कारण केस रैफर कर दिया जाते है क्योंकि वहां स्टाफ काम से बचने की कोशिश करता है।