मंडी, 24 अक्तूबर : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव व पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट शिव धाम के पहले चरण में प्रदेश पर्यटन निगम की मुंबई की एक कंपनी को अनुमानित लागत से दोगुने रेट पर टेंडर आवंटित करने के आरोप लगाए हैं।
शनिवार को जारी प्रेस बयान में सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट शिवधाम के पहले चरण में प्रदेश पर्यटन निगम ने मुंबई की एक कंपनी को 18 करोड़ की अनुमानित लागत वाले टेंडर को 36 करोड़ में आवंटित किया है। सुधीर शर्मा ने कहा है कि इस कार्य के लिये निविदायें 20 -11- 2020 से 25 -11- 2020 के बीच आमन्त्रित की गईं थी। इन निविदाओं में इस कार्य की अनुमानित लागत 18 करोड़ रखी गई थी। चार कम्पनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था। 25 -2 -2021 को यह काम मुंबई की एक कंपनी को 36 करोड़ में आवंटित कर दिया गया है।
सुधीर शर्मा ने इस परियोजना के निर्माण में बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के पर्यटन विभाग का जिम्मा मुख्यमन्त्री के पास है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि जनता को बताया जाए कि यह कार्य 18 करोड़ से 36 करोड़ का कैसे हो गया। सुधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार से इस मामले की जांच कर इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि सरकार बताएं कि मुंबई स्थित जिस कंपनी को उक्त काम आवंटित किया गया है, उस कम्पनी के प्रोमोटर्स और निदेशक कौन हैं। अगर भाजपा सरकार इस मामले की जांच नहीं करवाती है तो सत्ता में आने पर कांग्रेस इस मामले की जांच करवाएगी।
सुधीर शर्मा ने कहा कि मंडी नगर को छोटी काशी कहा जाता है। यहां पर भूतनाथ, पच्वक्त्र महादेव, त्रिलोकीनाथ, महामृत्युंज सहित 81 एतिहासिक मन्दिर स्थित हैं। उन्होंने कहा कि छोटी काशी के इस ऐतिहासिक मंदिरों के साथ गहरी आस्था जुड़ी है। छोटी काशी के अधिकतर मंदिरों की दशा दयनीय है और कई मंदिरों की दीवारों और छतों पर झाड़ियां उग आई हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने सदियों से लोगों की आस्था के केंद्र और लोक संस्कृति का हिस्सा रहे इन मंदिरों के जीर्णोद्धार के बजाए शिवधाम को प्राथमिकता दी है। जहां स्थानीय लोगों धार्मिक आस्था की जगह पर्यटन गतिविधियां सरकार की प्राथमिकता है।
जहां स्वयंभू भूतनाथ हों वहां अन्यत्र स्थान पर शिव धाम की स्थापना वह भी बिना फॉरेस्ट विभाग की औपचारिकताओं के बिना चाहे हेलीपेड हो या पेड़ों का कटान हो उस समय के जिलाधीश ने मानो जैसे अपने हाथ काटकर वर्तमान सरकार को दे दिए थे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सच प्रदेश की जनता के सामने आएगा कि कैसे जनता के पैसे को कुछ पूंजीपतियों के साथ मिलकर आस्था का सौदा किया गया है।