नाहन, 22 अक्टूबर : हिमाचल प्रदेश जेबीटी/ड़ीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश से जेबीटी बनाम बीएड केस को जल्द से जल्द निपटाने की मांग की है। यह केस 2018 से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। संघ की मानें तो 2019 में जेबीटी कमीशन हुआ था, जिसमें NCTE की गाइडलाइन के अनुसार बीएड अभ्यर्थियों को भी सरकार ने अस्थाई तौर पर परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी थी।
प्रदेश में पहले ही 40 हजार से भी ज्यादा जेबीटी बेरोजगार प्रशिक्षित हैं, जो 10 सालो से नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश जेबीटी बेरोजगार संघ कई बार सरकार से मिला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मिले, परंतु 3 सालो से सरकार ने इस केस में कोई सुध नहीं ली। इससे लगभग 40 हजार जेबीटी बेरोजगार अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है।
संघ के अनुसार पिछले 15 सालों से जेबीटी बेरोजगार नौकरी की आस लेकर बैठे हैं। चार सालो से सरकार न तो कमीशन का परिणाम घोषित कर पाई और न ही जेबीटी की भर्तियां हो पाई। हिमाचल प्रदेश जेबीटी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर, ओंकार ठाकुर, दीपक ठाकुर, विक्की चोधरी तांवरी भाटिया कर्ण पराशर, और यूनियन के सचिव मोहित ठाकुर ने कहा कि ये केस तीन सालो से कोर्ट में लटका हुआ है। जिसके कारण 40 हजार जेबीटी प्रशिक्षित बेरोजगार का भविष्य अंधेरे में है।
इस समय प्रदेश में 3000 जेबीटी के पद खाली चल रहे है, जिससे हजारो बच्चों का भविष्य संकट में है। हिमाचल प्रदेश जेबीटी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि उनकी सुध लें तथा जेबीटी के स्थान पर जेबीटी की ही नियुक्ति हो।