शिमला, 21 अक्टूबर : प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग आयोडीन युक्त नमक खाने को लेकर जागरूक करता है। मगर बिलासपुर जिला में इसका असर नहीं लगता है। स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिलासपुर जिला के नमक में आयोडीन की निर्धारित से कम मात्रा पाई गई है। इस जिले के नमक में आयोडीन जांच के दौरान 50 फीसदी से भी कम पाया गया है। जिलाभर में आयोडीन की मात्रा पर किए गए सर्वेक्षण में नमक में आयोडीन की मात्रा 45 फीसदी पाई गई है। यह जिले के लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है।
नमक में आयोडीन कम होने की वजह से शहरी में कई तरह के विकास पनपते हैं। आयोडीन की कमी से व्यक्ति के शरीर में हर वक्त थकान, कब्ज, रूखी त्वचा, बालों का गिरना और वजन बढ़ने जैसी परेशानियां हो सकती है। कुछ लोगों को आयोडीन की कमी के कारण मांसपेशियों में भी दर्द हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने वीरवार को बताया कि वर्तमान में प्रदेश में नमक में आयोडीन की मात्रा पर किए गए एक सर्वेक्षण में जिला बिलासपुर में 45.8 प्रतिशत, चम्बा में 92.7 प्रतिशत, हमीरपुर में 97.4 प्रतिशत, कागड़ा में 99.2 प्रतिशत, किन्नौर में 84.7 प्रतिशत, कुल्लू में 97.3 प्रतिशत, मण्डी में 97.7 प्रतिशत, शिमला में 96.2 प्रतिशत, सोलन में 94.03 प्रतिशत और जिला ऊना में 96.01 प्रतिशत आयोडीन की मात्रा नमक में पाई गई।
उन्होंने लोगों से शरीर में आयोडीन की कमी के कारण होने वाले अनेक विकारों को रोकने या नियंत्रित करने के लिए खाने में आयोडीन युक्त नमक का अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आयोडीन की कमी के कारण शरीर में अनेक विकार पैदा होते हैं। आयोडीन की कमी से होने वाले इन विकारों को रोकने, नियंत्रित करने और खाने में आयोडीन युक्त नमक की शत-प्रतिशत् खपत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर वर्ष 21 अक्तूबर को आयोडीन दिवस मनाया जाता है।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में आयोडीन युक्त नमक के उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए और नमक में आयोडीन की मात्रा की जांच के लिए सभी जिलों में नमक परीक्षण किट वितरित की गई है। मीडिया, सोशल मीडिया, मोबाइल एसएमएस के माध्यम से भी लोगों को खाद्य नमक में आयोडीन की मात्रा के बारे में जागरूक किया जा रहा हैं। इसके अलावा, आशा कार्यकर्ताओं द्वारा भी लोगों को आयोडीन युक्त नमक के लाभों से अवगत करवाया गया।