नाहन, 20 अक्तूबर : सोमवार शाम सिरमौर को लंबे अंतराल के बाद कोरोना से आजादी मिल गई। मगर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की चूक से यह आजादी छीन गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले राज्य स्तरीय बुलेटिन में सिरमौर में मंगलवार शाम को 7 नए मामलों की जानकारी दी गई। जब इसकी तफ्तीश शुरू की गई तो पता चला कि वास्तव में सिरमौर में कोई भी नया केस मंगलवार को नहीं आया है, बल्कि लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ है।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसे क्लेरिकल मिस्टेक बता कर पल्ला झाड़ने की कोशिश की, लेकिन इससे कई सवाल पैदा हो गए हैं। बड़ा सवाल यह पैदा हुआ है कि क्या इस तरह की कोताही पहले भी की गई होगी। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने पड़ताल की तो पता चला कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग सिरमौर में 7 एक्टिव मामले दिखा रहा है, जबकि स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि 117 सैंपल में से 116 की रिपोर्ट नेगेटिव है जबकि एक अनिर्णायक है। लिहाजा मंगलवार को कोई भी केस नहीं है।
गौरतलब है कि हिमाचल में करोना मुक्त होने वाला सिरमौर पहला जिला बना है। उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद लाहौल स्पीति ये उपलब्धि हासिल करेगा। हैरानी की बात यह भी थी कि विभाग के शीर्ष अधिकारी भी गंभीर नहीं थे। जहां राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विभाग को इस बात का जिक्र करना चाहिए था कि सिरमौर कोरोना मुक्त हो चुका है, इसके विपरीत 7 नए मामलों की बात कह बैठा। इससे साफ जाहिर होता है कि मौजूदा स्थिति में अब सरकार भी वैश्विक महामारी को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रही।
अगर ऐसा होता तो सिरमौर के कोरोना मुक्त होने को लेकर बाकायदा मीडिया से बातचीत की जाती। वैश्विक महामारी के शुरुआती दौर में एक वक्त ऐसा भी था जब सरकार ने फेक न्यूज़ को लेकर वेबसाइट तक बना दी थी। विभाग द्वारा अपनी गलती का ठीकरा सोशल मीडिया या फिर न्यूज़ पोर्टल पर थोप दिया जाता था।
सवाल यह भी पैदा होता है कि अगर यह मान लिया जाए कि गलती हुई थी तो प्रश्न यह पैदा होता है कि स्वास्थ्य विभाग ने इसे अपने आंकड़ों में दुरुस्त क्यों नहीं किया। क्योंकि राज्य स्तर से जारी होने वाले आंकड़े ही राष्ट्रीय स्तर पर भी जारी होते हैं। ऐसी भी संभावना है कि कोरोना मुक्त होने वाला सिरमौर देश भर में ही चुनिंदा जिलों में हो सकता है। जहां कोविड का एक भी एक्टिव केस नहीं है। एक सवाल यह भी है कि क्या ऐसी गलती को जानबूझकर तो नहीं किया गया। सवाल ये भी उठता है कि ऐसी गंभीर गलती करने वालो पर कोई कार्रवाई अमल में लाई जाएगी या नहीं।
उधर मीडिया द्वारा संपर्क किए जाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजीव सहगल द्वारा कहा गया कि गलती से 7 एक्टिव केस दर्ज कर दिए गए थे।