शिमला, 19 अक्तूबर : हाल ही में एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने खुलासा किया था कि स्कूल शिक्षा बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लंघन कर तीसरी, पांचवी व आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए वार्षिक परीक्षा शुल्क निर्धारित कर दिया है। इसके अलावा दसवीं व 12वीं के शुल्क में भी बढ़ोतरी का जिक्र किया था। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पहले 10वीं व 12वीं के फर्स्ट व सैकेंड टर्म के शुल्क में कटौती करने का फैसला लिया। इसके बाद अब तीसरी, पांचवी व आठवीं कक्षाओं के निर्धारित शुल्क को लेकर भी बोर्ड की एक अधिसूचना सामने आई है।
रोचक बात ये है कि ये अधिसूचना 8 अक्तूबर 2021 को जारी कर दी गई थी, लेकिन अब ये अधिसूचना सामने आई है। इससे जाहिर होता है कि बोर्ड ने गुपचुप तरीके से ही इन कक्षाओं के परीक्षा शुल्क को लेकर फैसला ले लिया था, ताकि भविष्य में कोई विवाद पैदा न हो।
हिमाचल में पहली बार तीसरी, पांचवी व आठवीं के छात्रों से शिक्षा बोर्ड वसूलेगा परीक्षा शुल्क!
दरअसल, इन अधिसूचना के मुताबिक स्कूल शिक्षा बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि तीसरी, पांचवी व आठवीं कक्षाओं के लिए निर्धारित परीक्षा शुल्क केवल निजी संस्थानों से ही देय होगा। यानि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ये शुल्क अदा करना होगा। तीसरी व पांचवी कक्षा के लिए 100 रुपए का शुल्क निर्धारित हुआ है, जबकि आठवीं कक्षा के लिए ये राशि 150 रुपए रखी गई है।
इस अधिसूचना में यह भी साफ किया गया है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र व उत्तर पुस्तिकाओं का पूर्ण खर्चा पूर्व की भांति सरकार द्वारा ही वहन किया जाएगा। अहम बात ये है कि स्कूल शिक्षा बोर्ड पहले ये क्यों भूल गया था कि प्रारंभिक शिक्षा को निशुल्क का प्रावधान है। कुल मिलाकर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क की खबर के बाद पूरी तरह से अपनी भूल को सुधारने की कोशिश की है।