नाहन, 15 अक्तूबर : हालांकि, वैश्विक महामारी के कारण शहर के ऐतिहासिक चौगान मैदान में 2020 में लंका दहन नहीं हुआ था। वो बात सबको समझ आ रही थी कि ऐसा क्यों हुआ है। मगर इस साल भी सैंकड़ों सालों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन नहीं हुआ। हर कोई इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा था।
असल मायनों में 15 अक्तूबर 2021 को लंका दहन की रिवायत टूटी है। आपको बता दें कि हर साल नगर परिषद के माध्यम से शहर में आतिशबाजी व लंका दहन की रिवायत रही है। खास बात ये है कि यहां के स्थानीय आतिशबाज ही आतिशबाजी को तैयार करते आए हैं। इसके अलावा रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतलों को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से कारीगर बुलाए जाते हैं। शहर में रियासत काल से कुछ मुस्लिम परिवारों को आतिशबाजी बनाने का लाइसेंस आज भी दिया जाता है।
दीपावली व दशहरे पर यें परिवार अपने हुनर के जरिए हिन्दू त्यौहार में खुशी-खुशी शरीक होते आए हैं। समूचे प्रदेश से लंका दहन से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया मीडिया में नजर आ रहे थे, लेकिन नाहन वाले ऐसे वीडियो को अपलोड करने से वंचित रहे। आपको बता दें कि नाहन में लंका दहन की एक अलग परंपरा यह भी रही है कि यहां रावण का दहन सूर्यास्त के बाद होता रहा है, जबकि हिन्दू रीति-रिवाज में सूर्य ढलने से पहले ऐसा होता है। ये रिवायत क्यों शुरू हुई थी, इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है।
उधर, हालांकि लंका दहन न करने को लेकर नगर परिषद की कोई आधिकारिक टिप्पणी उपलब्ध नहीं हुई है, लेकिन अंदर खाते वैश्विक महामारी को इसकी वजह बताया जा रहा है।