पांवटा साहिब, 14 अक्तूबर : पूर्व सैनिक संगठन की पांवटा साहिब इकाई के पदाधिकारियों ने संयुक्त निदेशक( पुनर्वास) महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजकर अपनी पीड़ा जाहिर की है। इसमें कहा गया है कि भूतपूर्व सैनिक (Ex Service Men) पिछले 20 सालों से सीसीआई राजबन (Rajban) में सुरक्षा कर्मियों के पदों पर अलग-अलग स्थानों पर सेवाएं दे रहे हैं। जिसका टेंडर सालों से एचआईएमपीईएससीओ (HIMPESCO) हमीरपुर के पास था। सुरक्षा पदों पर तैनात कर्मचारियों को सैलरी, बोनस व यूनिफॉर्म समय पर मिल रही थी।
दीपावली का बोनस भी समय पर आता था। कर्मचारियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन दिसंबर 2020 से यह टेंडर चंडीगढ़ की एजेंसी को दे दिया गया। बता दे कि देश में सीमेंट कॉर्पोरशन ऑफ़ इंडिया की स्थापना 16 जनवरी 1965 को की गई थी इसी के अंतर्गत हिमाचल के राजबन में भी प्लांट खोला गया था।
पत्र में आरोप लगाए है कि जब से टेंडर बदल दिया गया है, इसके बाद से सैलरी कम कर दी गई। इतना ही नहीं जो छुट्टियां मिलती थी, वो भी बंद कर दी गई है। वेतन भी समय पर नहीं मिलता है। कर्मियों ने कहा कि दिसंबर महीने में वेतन 17,300 रुपए के आस-पास था। उन्होंने कहा कि एचआरए बोनस, यूनिफॉर्म भी काटा जा रहा है। वेतन को 17,300 से घटाकर 13, 600 कर दिया गया है।
सुरक्षा कर्मचारियों का कहना है कि जब वो अपने हितों की बात करते हैं तो सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा धमकाया जाता है। उन्हें यह कहा जाता है कि नौकरी करनी है तो करो, नहीं तो यहां से जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीसीआई (CCI) राजबन द्वारा पूरी सैलरी दी जा रही है, मगर सिक्योरिटी एजेंसी (Security Agency) द्वारा बेसिक सैलरी भी कम कर दी है।
पदाधिकारियों का ये भी कहना है कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा भूतपूर्व सैनिकों का शोषण किया जा रहा है, उस पर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाए। पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की है कि इस प्रकरण में एसआईटी का गठन कर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
भूतपूर्व सैनिक सुरक्षा कर्मचारियों ने मांगों की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सूचना व प्रसारण मंत्री य अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी भेजी है।