कांगड़ा/आशीष शर्मा : मैक्लोडगंज-धर्मशाला रोप-वे नवंबर में शुरू हो जाएगा। करीब 200 करोड़ की बड़ी एवं महत्त्वाकांक्षी परियोजना के जल्द शुरू होने का हर किसी को इंतजार है। कोविड के चलते रोप-वे को तकनीकी अप्रूवल देने वाली कमेटी यहां नहीं पहुंच पा रही थी, जिसके चलते इसका काम लटक गया था, लेकिन अब इंतजार जल्द समाप्त हो जाएगा। बुधवार को कमेटी के सदस्य धर्मशाला पहुंच रहे हैं।
विदेश से आने वाले तकनीकी समिति के सदस्य इसे अप्रूवल देंगे और ट्रायल कर चैक भी करेंगे। इसके बाद इसे पर्यटकों के लिए शुरू कर दिया जाएगा। पहाड़ी राज्य हिमाचल के पर्यटन कारोबार को गति देने के लिए विख्यात पर्यटक स्थल मकलोडगंज के लिए रोपवे बनाया गया है। करीब दो सौ करोड़ से अधिक खर्च कर टाटा कंपनी ने प्रदेश की इस बड़ी एवं महत्वाकांक्षी परियोजना का काम पूरा कर लिया है।
ऐसे में अब तकनीकी कमेटी के अप्रूवल का इंतजार था, जो अब समाप्त हो जाएगा। बुधवार को तकनीकी कमेटी धर्मशाला व मैक्लोडगंज में दोनों स्थानों पर तकनीकी पहलुओं का अध्ययन करेगी। इसके बाद कमेटी की अप्रूवल मिलते ही इसके उद्घाटन की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। 200 करोड़ की बड़ी एवं महत्वाकांक्षी परियोजना के पूरा होने पर प्रदेश सरकार केंद्र से भी किसी वरिष्ठ मंत्री या नेता इसके शुभारंभ के आमंत्रित कर सकती हैं।
उधर, इस कार्य के पूरा होने से बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के निवास स्थल मकलोडगंज में पर्यटन सीजन के दौरान लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी। यहां आने वाले पर्यटकों को रोप-वे का सफर करने के साथ साथ घंटों जाम में भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। इतना ही नहीं, मैक्लोडगंज-भागसुनाग, धर्मकोट व नड्डी सहित आसपास के क्षेत्र में रहने वाले पर्यटन कारोबारियों को राहत मिलेगी। पर्यटकों की आमद में वृद्धि होगी। निपुण जिंदल का कहना है कि रोप-वे परियोजना का कार्य करीब पूरा हो चुका है। तकनीकी रिपोर्ट के बाद इसे शुरू किया जा सकता है।
पार्किंग की व्यवस्था नहीं
धर्मशाला-मैक्लोडगंज रोप-वे तो बन कर तैयार हो गया है, लेकिन धर्मशाला में जहां से पर्यटक रोप-वे की सैर करेंगे, वहां पर अभी तक पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं हो पाई है। ऐसे में रोप-वे के साथ जल्द पार्किंग की सुविधा न मिली, तो पर्यटकों को फिर से परेशान होना पड़ सकता है। हालांकि प्रशासन ने पार्किंग के लिए स्थान चयनित कर लिया है, लेकिन इस दिशा में अभी प्रयास होना बाकी है।