शिलाई, 12 अक्टूबर : चंद दिनों से चर्चित अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली युवती के कथित तौर पर शारीरिक उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने पोक्सो एक्ट के अलावा आईपीसी की धारा 376 को भी शामिल कर लिया है, साथ ही आरोपी की धरपकड़ के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है।
ताजा जानकारी के मुताबिक पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर सिंह ने इस मामले की जांच को सीधे ही अपने हाथ में ले लिया है। छुट्टी से लौटने के बाद डीएसपी ने सीधे शिलाई का ही रुख किया। शुरुआती चरण में पुलिस ने आईपीसी की धारा 354, 341 व 323 के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में एससी व एसटी एक्ट को शामिल कर लिया गया था, मगर रेप से जुड़ी धाराओं को शामिल नहीं किया गया था।
दलित शोषण मोर्चा इस बात पर अड़ा हुआ था कि मामले में आईपीसी की धारा 376 को क्यों शामिल नहीं किया जा रहा है? अब पुलिस को यह भी पता चला है कि दुष्कर्म के वक्त पीड़िता नाबालिग थी, उस समय पीड़िता की उम्र 17 साल 4 महीने थी। लिहाजा पोक्सो एक्ट को भी शामिल कर लिया गया है।
वाक्य जून 2020 से शुरू हुआ था। पीड़िता व आरोपी का संपर्क सोशल मीडिया के माध्यम से हुआ था। पुलिस ने पीड़िता की निशानदेही पर उन जगहों का भी निरीक्षण किया है, जहां पर बार-बार दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था।
बता दें कि 7 अक्टूबर 2021 को पीड़िता ने शिलाई पुलिस को लिखित शिकायत दी थी। इसमें पीड़िता ने कहा था कि 24 वर्षीय युवक रास्ता रोककर छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है, साथ ही दुष्कर्म को भी अंजाम दिया था। सूत्रों की मानें तो इस मामले से जुड़ी एक वीडियो क्लिप भी सामने आई है। इसे आरोपी द्वारा बनाया गया था। पुलिस इस बात की भी छानबीन कर रही है कि इस वीडियो क्लिप के आधार पर पीड़िता को ब्लैकमेल किया जा रहा था या नहीं। एक अन्य जानकारी के मुताबिक पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल भी करवा लिया है। पीड़िता के 164 के बयान पहले ही दर्ज कर लिए गए थे।
उधर संपर्क किये जाने पर पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि मामले में आईपीसी की धारा 376 व पोक्सो एक्ट को भी शामिल किया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के बारे में सवाल पर डीएसपी ने कहा कि जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि जांच की जिम्मेदारी सीधे तौर पर उन्होंने ही अपने हाथ में ले ली है।
उल्लेखनीय है कि एससी व एसटी एक्ट के मामले में एसडीपीओ स्तर के अधिकारी द्वारा ही जांच की जाती है। उधर डीएसपी का यह भी कहना था कि हरेक पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है।