बिलासपुर, 11 अक्टूबर : पांव में छाले तपती धूप में कठिन चढ़ाई की बाधा को पार कर मोहाली का एक युवक माँ नैना देवी के दर पर पहुंच गया। मोहाली से पैदल यात्रा करते समय उसके जहन में जल्द से जल्द माता श्री नैना देवी के दरबार में पहुंचने की ललक थी। उसे सैकड़ों किलोमीटर का सफर पैदल तय करने में 3 दिन का समय लगा। माँ के युवा भक्त मनी का कहना है कि माता श्री नैना देवी ने उसकी छोटी भतीजी की आंखें ठीक की है, उसकी आंखों से पानी बहता था, मनौती मांगने पर ठीक हो गई थी।
कहते हैं कि जहां मां की महिमा अपरंपार है वही, भक्तों की भक्ति भी अनूठी है, जिसका उदाहरण देखने को मिला है। उसने कहा कि चाहे जो भी हो जाए पांव में छाले पड़ गए पांव टूट जाए, लेकिन उसके इरादे अटल है वो मां के दरबार में झंडा चढ़ा कर ही वह वापस लौटेंगे। घर जाने के लिए भी पैदल ही जाएगा, किसी बस या गाड़ी से यात्रा नहीं करेगा। मान्यता है कि नैना देवी में माता सती के नेत्र गिरे थे। इसी कारण माना जाता है कि अगर माता अपने नेत्रहीन भक्त की पुकार सुन ले तो आंखों की रोशनी भी लौटा देती है इसी कारण आंखों की समस्या का सामना करने वाले माँ के दर पहुंच कर मुराद मांगते है।
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में है। शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियो पर स्थित एक भव्य मंदिर है। यह देवी के 51 शक्तिपीठों में शामिल है। वर्तमान में उत्तर भारत की नौ देवी यात्रा में नैना देवी का छटवां दर्शन होता है।