नाहन, 10 अक्तूबर : पांवटा साहिब व नाहन में सड़कों पर बेसहारा विचरण करने वाले दो व्यक्तियों को राजस्थान के भरतपुर में स्थित ‘‘अपना घर’’ आश्रम में आश्रय मिला है। ये सहायता संकल्प सोसायटी के संस्थापक पवन बोहरा के प्रयास से संभव हो पाया है। ये दोनों अज्ञात व्यक्ति न तो अपना पता बता पा रहे हैं न ही कोई अन्य जानकारी उपलब्ध करवा पा रहे हैं। सड़कों के किनारे ही जीवन यापन कर रहे थे।
पुलिस वैरिफिकेशन के बाद सोसायटी ने इनके लिए आसरा तलाश करने की मुहिम शुरू की। पूरा रिकाॅर्ड कलमबद्ध करने के बाद सोसायटी ने ही बेसहारों को अपने निजी खर्च से आश्रम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई। बीती रात तमाम औपचारिकताओं के बाद इन व्यक्तियों को आश्रम के सुपुर्द कर दिया गया है, जहां लगभग दो हजार से अधिक लोगों को आश्रय मिला हुआ है।
पवन बोहरा के मुताबिक उन्हें ये जानकारी मिली थी कि नाहन व पांवटा साहिब में चार लोग सड़कों के किनारे ही जीवन यापन करने पर विवश हैं। काफी तलाश के बाद उन्हें दो ही व्यक्ति मिले। उन्होंने बताया कि औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। इनका विवरण व हुलिया इत्यादि पुलिस के अलावा सोसायटी के पास भी उपलब्ध है। अगर कोई तलाश में आता है तो उन्हें राजस्थान के भरतपुर स्थित आश्रम के बारे में जानकारी दी जा सकती है।
अनुभव साझा करते हुए पवन ने कहा कि एक मर्तबा एक लावारिस को आश्रम में छोड़ा गया था। कुछ समय बाद उस व्यक्ति के परिजन भी मिल गए थे। ऐसे पल उन्हें मानव सेवा के प्रति हौंसला देते हैं।