बिलासपुर,10 अक्तूबर: नैना देवी में नवरात्र पूजन करने के उपरांत विधायक व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ठाकुर रामलाल ने पत्रकार वार्ता में नवरात्रों के दौरान पुलिस और प्रशासन द्वारा की जा रही व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े के है। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन पुजारियों को मंदिर में हवन करने पर मना करता है। मंदिर का सदाब्रत लंगर बंद है। श्रद्धालुओं को दरबार से भूखे लौटना पड़ रहा है। इसके अलावा कोलां वाला टोबा से ऊपर श्रद्धालुओं की गाड़ियों को अनुमति प्रदान नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा अगर यही हाल रहा तो श्रद्धालुओं में जो निराशा देखने को मिल रही है। उससे इस धार्मिक स्थल की अच्छी छवि बाहर प्रदेशों में नहीं जा रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ज्वालाजी में हवन यज्ञ खोलने की बात कही थी, लेकिन अधिकारी उसे अमलीजामा नहीं पहना रहे। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में अधिकारियों का बोलबाला है। मुख्यमंत्री के आदेशों की पालना नहीं की जा रही मंत्रियों के आदेशों की पालना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि वह मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर से पूछना चाहते हैं कि क्यों प्रदेश में मंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों की पालना प्रशासनिक अधिकारी नहीं करते? क्या सरकार नाम की कोई चीज हिमाचल प्रदेश में नहीं है? रामलाल ठाकुर ने कहा कि अगर आप हिमाचल सीमा से आगे टोबा से आगे देखेंगे तो पंजाब सीमा में जगह-जगह लंगर लगे हैं तथा लोगों के खानपान की व्यवस्था है। लेकिन हिमाचल प्रदेश सीमा में क्या ज्यादा कोरोना फेल रहा है जिस कारण यहां पर रोक लगा कर रखी है।
उन्होंने कहा कि अगर बैठाकर लंगर नहीं करवा सकते तो पैकिंग फूड की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए होनी चाहिए क्योंकि होटलों में ढाबों में ज्यादा पैसा श्रद्धालुओं से वसूला जा रहा है और श्रद्धालुओं में भारी रोष है। रामलाल ने कहा कि मंदिर अधिकारी पद कई वर्षों के बाद यहां पर फिर से भरा है। हालांकि उन्होंने कई बार इसके लिए विधानसभा में आवाज उठाई है लेकिन विधानसभा में मंत्रियों के द्वारा गलत जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि वहां पर यह कहा गया कि नैना देवी में मंदिर अधिकारी का पद ही सृजित नहीं है। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन को पुलिस को बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि हिमाचल प्रदेश की छवि बाहर प्रदेशों में खराब न हो और आने वाले समय में श्रद्धालु यहां आने से कतराएं।