शिमला, 08 अक्टूबर : प्रदेश उच्च न्यायालय ने कच्ची घाटी में एक इमारत को असुरक्षित मानते हुए उसे ध्वस्त करने के मामले में फिलहाल स्थगन आदेश पारित कर दिए हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ व न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ ने मोहिंदर सिंह द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात स्थगन आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि विचाराधीन इमारत को खाली कर दिया गया है और अब इमारत में कोई नहीं है। वह कोर्ट के अगले आदेश तक सम्बन्धित परिसर में कब्जा नहीं करेंगे।
न्यायालय ने कहा कि विध्वंस पर रोक लगाने के लिए अंतरिम आदेश दिया जा सकता है और यदि इमारत बाद में ढह जाती है, तो याचिकाकर्ता जानमाल को हुए किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार होगा। इसी के मद्देनजर 4 अक्टूबर को जारी विध्वंस के आदेश पर आठ सप्ताह की अवधि के लिए रोक लगा दी गई है।
गौरतलब है कि कच्ची घाटी में पिछले हफ्ते 8 मंजिला इमारत के अचानक गिर जाने के कारण साथ लगती इमारतों के ढह जाने का अंदेशा बना हुआ है। जिस कारण जान व माल के नुकसान की आशंका बनी हुई है।