शिमला, 08 अक्टूबर : हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव को लेकर उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने का शुक्रवार को आखिरी दिन है। जुब्बल-कोटखाई सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता चेतन बरागटा ने आज बतौर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया। चेतन बरागटा इस सीट पर विधायक रहे नरेंद्र बरागटा के पुत्र हैं, जिनके निधन के कारण यहां उपचुनाव हो रहे हैं। भाजपा ने जुब्बल कोटखाई से तीन बार जिला परिषद रही नीलम सरैक को उम्मीदवार बनाया है।
टिकट नहीं मिलने से नाराज़ चेतन बरागटा ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वो अब भी खुद को भाजपा का कार्यकर्ता मानते हैं। हालांकि उनका पार्टी से निष्कासन होना तय है, लेकिन कमल का फूल हमेशा उनके दिल में रहेगा और वो भाजपा के कार्यकर्ता रहेंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा संगठन से फिर आग्रह किया कि भाजपा के उम्मीदवार को लेकर पुनः विचार करें। पैराशूट से उतरे उम्मीदवार को न ही भाजपा कार्यकर्ता और न ही जुब्बल-कोटखाई की जनता मानेगी।
चेतन बरागटा के मुताबिक उन्हें बताया गया कि परिवारवाद की वजह से टिकट नहीं दिया गया है। लेकिन उनका मानना है कि वो परिवारवाद की परिभाषा में नहीं आते, क्योंकि उन्होंने लगातार 15 साल पार्टी संगठन को दिए और खून-पसीने से पार्टी को सींचा। टिकट वितरण पर परिवारवाद का फार्मूला सिर्फ बरागटा परिवार पर ही लगाया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया, जिसने भाजपा समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ जिला परिषद चुनाव लड़ा है। उन्होंने टिकट वितरण पर जुब्बल-कोटखाई विस क्षेत्र के प्रभारी व भाजपा के एक मंत्री पर भी निशाना साधा।