शिमला, 05 अक्तूबर : राजधानी के कच्चीघाटी में आठ मंजिला भवन के चंद सेकंडों में धराशायी होने की घटना से हर कोई स्तब्ध है। बहुमंजिला भवन गिरने का वीडियो रोंगटे खड़े कर देने वाला है। लगभग 30 साल पहले बना ये भवन चंद सेकंड में तबाह हो गया और इससे आठ परिवार बेघर हो गए। प्रदेश सरकार द्वारा गठित 3 सदस्यीय कमेटी भवन गिरने के कारणों को खंगाल रही है। इस हादसे में आसपास के भवनों की भी नींव हिल चुकी है और प्रशासन ने उन्हें खाली करवा दिया है। नगर निगम प्रशासन अब कच्ची घाटी में असुरक्षित भवनों को चिन्हित कर रहा है। ऐसे भवनों को गिराने पर विचार चल रहा है, ताकि समय रहते बड़ी जनहानि को रोकने से बचाया जा सके।
सवाल यह उठता है कि जमींदोज हुए भवन की आठ मंजिलें खड़ी कर दी गईं, लेकिन प्रशासन ने इस ओर कभी भी ध्यान देना उचित नहीं समझा। नगर निगम की मानें तो आठ मंजिलों वाले भवन का ढांचा, स्लैब व नींव आम मकानों की तुलना में काफी अलग होती है। लेकिन धराशायी हुए भवन के मामले में ऐसा नहीं था। इस भवन की नींव पर अधिकतम तीन मंजिलें खड़ी की जा सकती थीं, लेकिन नियमों को अनदेखा कर आठ मंजिलें खड़ी कर दी गईं। चौंकाने वाली बात ये भी है कि ये सब प्रशासन के नाक तले होता रहा और कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
शिमला शहर के विभिन्न उपनगरों में नियमों को ताक पर रखकर बहुमंजिला भवन बनाए गए। ज्यादातर मामलों में बहुमंजिला भवनों के निर्माण से पहले मिट्टी के भी सैंपल भी नहीं लिए जाते।
कच्चीघाटी की इस घटना के बाद वो भवन मालिक डरे हुए हैं, जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर कई मंजिलें खड़ी कर दीं। जानकारी अनुसार राजधानी में अभी 150 से ज्यादा भवन ऐसे हैं, जो खतरे की जद में हैं। नगर निगम शिमला इन भवनों को असुरक्षित घोषित भी कर चुका है, लेकिन इसके बावजूद ज्यादातर भवनों में लोग अपने परिवार के साथ अभी भी रह रहे हैं। नगर निगम ने इन भवन मालिकों को कई बार नोटिस भी दिए, लेकिन निगम की यह कार्रवाई केवल नोटिस तक ही सीमित होकर रह गई है।
नगर निगम मात्र औपचारिकता के नाम पर ही ऐसे भवनों को नोटिस जारी करता है। वहीं नोटिस जारी करने के बाद भवन मालिक इन भवनों को खाली करने की जहमत नहीं उठाते हैं। निगम प्रशासन की ओर से इन्हें नोटिस जारी कर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है, लेकिन इनके बिजली व पानी के कनेक्शन काटने की जहमत नहीं उठाई जाती है। हालत यह है कि नोटिस के कई वर्ष बाद भी लोग ऐसे ही भवनों में अभी रहे रहे है।