शिमला, 05 अक्तूबर : हिमाचल में करीब एक साल के भीतर वाइल्ड लाइफ (Wild Life) से जुड़ी कई सुकून देने वाली खबरें सामने आ चुकी हैं। इसमें चाहे शेर के जुड़वां शावकों (twin cubs) का जन्म हो या फिर पहली बार किंग कोबरा (King Cobra) की साइटिंग। इन खबरों के बीच अब धौलाधार सेंचुरी से रोमांचित खबर आई है।
वाइल्ड लाइफ द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों (trap Camera’s) में भूरे भालू (Himalyan Brown), लाल लोमड़ी हिमालयन थार (Himalayan Tahr) व घोरल की जंगलों में विचरण के दौरान की तस्वीरें कैद हुई हैं। खास बात ये है कि खूबसूरत वन्यप्राणियों की तस्वीरें बगैर मानवीय दखल के नैचुरल विचरण के दौरान कैद हुई हैं। हालांकि ये वन्य प्राणी राज्य में पहले भी रिपोर्टिड हैं, लेकिन धौलाधार वन अभ्यारण में पहला मौका है, जब वन्य प्राणियों की मनमोहक तस्वीरें कैमरे में कैद हुई हैं। बता दें कि कोविड काल के दौरान ही मनाली में जुजुराना का भी सफल प्रजनन हुआ था। वहीं, श्री रेणुका जी जू में एक मादा भालू ने भी बच्चे को जन्म दिया था।
वन्यप्राणी विभाग ने भारतीय वन जीव संस्थान देहरादून की टीम के साथ जुलाई में धौलाधार सेंचुरी में जानवरों की गणना का अभियान शुरू किया था। इसी मकसद से 40 ट्रैप कैमरे भी लगाए गए थे। हालांकि, गणना का विश्लेषण होना बाकी है। साथ ही आंकड़े भी बाद में ही जारी होंगे, मगर वन्यप्राणियों की मनमोहक तस्वीरें सामने आने से टीम भी उत्साहित हुई है। उल्लेखनीय है कि धौलाधार सेंचुरी लगभग 982 किलोमीटर में फैली हुई है। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि कोविड काल में न केवल कुदरत की नैसर्गिक खूबसूरती सामने आ गई थी, वहीं वन्यप्राणियों की संख्या बढ़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में हमीरपुर के डीएफओ (वाइल्ड लाइफ) राहुल एम रोहणे ने बताया कि धौलाधार घाटी में विलुप्त हो रहे वन्यजीवों की प्रजातियां ट्रैप कैमरे में कैद हुई हैं। वाइल्ड लाइफ के लिए ये अच्छा संकेत है। उन्होंने इस बात की तस्दीक की कि धौलाधार घाटी में ये प्रजातियां पहली बार एक साक्ष्य के तौर पर दर्ज हुई हैं। उन्होंने माना कि लाजमी तौर पर इससे टीम की हौंसला अफजाई भी हुई है।