शिमला, 02 अक्टूबर : सूबे की मंडी लोकसभा सहित तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। उपचुनाव को लेकर दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर जमकर प्रहार कर रहे हैं। युवा विधायक व पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह सरकार के खिलाफ अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। मंडी और जुब्बल कोटखाई के उपचुनाव में बतौर स्टार प्रचारक विक्रमादित्य सिंह की अहम भूमिका मानी जा रही है।
शिमला ग्रामीण विस क्षेत्र के सुन्नी में एक रैली के दौरान विक्रमादित्य सिंह के अधिकारियों व कर्मचारियों को लेकर दिए बयान पर सियासी घमासान मच गया है। जहां उनके बयान की कर्मचारी नेता खुब आलोचना कर रहे हैं, वहीं भाजपा की तरफ से भी विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ जबरदस्त प्रतिक्रिया आ रही है। मंडी सीट पर कांग्रेस की तरफ से प्रतिभा सिंह को प्रत्याशी बनाने के संकेतों के बीच विक्रमादित्य सिंह के बयान के अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं।
दरअसल पहली बार आक्रमण तेवरों में नजर आए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उनकी गिद्ध जैसी नजर है। जो अधिकारी सरकार की चाटूकारिता में लगे हैं उन्हें कांग्रेस की सरकार बनते ही पटक-पटक कर हिमाचल के दूसरे कोनों में फेंक दिया जाएगा। विक्रमादित्य की नजर से कोई नहीं बच सकता। एक-एक को पकड़कर हिसाब लिया जाएगा। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कुछ अधिकारी, कर्मचारी और अध्यापक टी-20 का मैच खेल रहे हैं।
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विक्रमादित्य के इस बयान को भाजपा व कर्मचारी नेताओं ने आड़ों हाथ लिया है। उनका कहना है कि विक्रमादित्य ने हिमाचल प्रदेश की जनता और सरकारी कर्मचारियों का अपमान किया है। कर्मचारी नेता रहे गोपाल दास वर्मा ने कहा कि जयराम ठाकुर पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनकारी सरकार में कर्मचारियां का उत्पीड़न नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने विक्रमादित्य सिंह को चेताते हुए कहा कि वो कर्मचारियों से न टकराएं।
कर्मचारियों से जो टकराता है वो चूर-चूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अध्यापक व कर्मचारियों को नहीं बदला गया है। जयराम ठाकुर ने शिमला ग्रामीण में जितने काम किए हैं, उतने वीरभद्र सिंह ने भी नहीं किए। उनका यह भी कहना है कि विक्रमादित्य सिंह ने इस बयान से उपचुनाव में कांग्रेस को भी सकते में डाल दिया है। कांग्रेस के बड़े नतोओं ने भी कर्मचारियों की आलोचना नहीं की। विक्रमादित्य सिंह समझ रहे हैं कि ऐसा बयान देकर वो मुख्यमंत्री बन जाएंगे।
उधर, भाजपा प्रदेश सचिव एवं शिमला की पूर्व महापौर ने कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के बयान पर पलटवार किया है। विक्रमादित्य सिंह ने बीते दिनों सरकारी कर्मचारियों और अध्यापकों के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की थी और कांग्रेस की सरकार आने पर पटक-पटकर तबादले करने की धमकी दी थी।
सदरेट ने विक्रमादित्य सिंह द्वारा दिए गए बयान की जमकर निंदा की है। विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस की सरकार बनने पर अध्यापकों और कर्मचारियों को तबादले की धमकी दे रहे हैं, जो उनकी ओच्छी राजनीति और घटिया मानसिकता का परिचय है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद अब कांग्रेस अलग-थलग हो चुकी है। भाजपा नेता ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह प्रदेश में सीएम बनने के ख्वाब लेने लगे हैं और बहक चुके हैं। वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में कोई बड़ा नेता नहीं होने के कारण विक्रमादित्य सिंह खुद को मुख्यमंत्री प्रत्याशी समझ रहे हैं।
सदरेट ने विक्रमादित्य सिंह को दो टूक शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि आपका ख्वाब सिर्फ ख्वाब ही रह जाएगा, पहले आप अपनी विधायकी बचाने की फिक्र करें। प्रदेश में जयराम सरकार की लोकप्रियता और कांग्रेस में गुटबाजी को देख विक्रमादित्य सिंह बहकी-बहकी बातें कर रहे हैं। प्रदेश सचिव ने कहा कि कांग्रेस की हालात ऐसी हैं कि स्व. वीरभद्र सिंह के करीबी भी विक्रमादित्य सिंह के परिवार से भी अलग-थलग हो चुके हैं। सदरेट ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर को विक्रमादित्य सिंह की सुध लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह खुद को स्वतंत्र नेता और कांग्रेस का वारिस समझते हैं।