सोलन, 2 अक्तूबर : नालागढ़ की रहने वाली महिला कोख में 7 माह का गर्भ लेकर उपायुक्त कार्यालय पहुंच गई। वो, रेप के जुर्म में न्याय की गुहार लगाती नजर आई। मुंह कवर कर मीडिया के समक्ष भी अपनी आपबीती को साझा किया। हालांकि इस मामले में पुलिस के बद्दी महिला थाना ने 26 अगस्त 2021 को मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन महिला इस बात पर खफा है कि पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, इसके विपरीत उस पर लगातार मामला वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
शिकायतकर्ता ने जुर्म के लिए गुरुदेव शर्मा नाम के व्यक्ति को सीधे-सीधे नामजद किया है। असल माजरा क्या है, ये तो पुलिस की तस्दीक में ही साफ हो पाएगा, लेकिन इतना जरूर है कि वो कई किलोमीटर का सफर तय करने के बाद सोलन अपना दुखड़ा सुनाने पहुंची थी। पुलिस को दी गई शिकायत में महिला ने आरोप लगाया था कि मार्च 2021 में आरोपी ने कोई दवा देकर बेहोश कर दिया था। इसके बाद दुष्कर्म किया गया। करीब 6 महीने बाद जब अल्ट्रा साउंड करवाया गया तो उसे गर्भवती बताया गया।
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हालांकि इस मामले को सुलझाना पुलिस के लिए कोई बड़ी मुश्किल नहीं है, क्योंकि डीएनए से इस बात की तस्दीक हो सकती है कि वास्तव में शिशु का पिता गुरुदेव शर्मा है या नहीं। ये बात स्पष्ट नहीं है कि गर्भ में पलने के दौरान भी शिशु का डीएनए मैच करवाया जा सकता है या नहीं। उधर, पुलिस का ये भी तर्क है कि 29 अगस्त को पीड़िता के बयान दर्ज किए गए थे। 3 सितंबर तक उसने समय मांगा था। 3 सितंबर के बाद वो थाना नहीं आई। 13 सितंबर को वो पुलिस थाना पहुंची थी।
इसी बीच पीड़िता ने महिला आयोग को भी पत्र लिखा है। इसके मुताबिक पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही। आरोपी द्वारा मामला वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। पीड़िता ने कहा कि वो बीमार रहती है। उसके पास दवाई के लिए भी पैसे नहीं हैं। आरोपी ने उसकी जिंदगी को बर्बाद करके रख दिया है। ऐसी हालत में वो कोई काम भी नहीं कर पा रही।