नाहन, 29 सितंबर : करीब-करीब 24-48 घंटे से शहर को केवल रियासत काल के वक्त में बनी नहरस्वार ग्रेविटी पेयजल योजना से ही 8 लाख लीटर पानी मिल पा रहा है। जबकि ददाहू व खैरी उठाऊ पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं। ये दीगर बात है कि नहरस्वार योजना से शहर में मात्र 15 प्रतिशत ही डिमांड पूरी हो सकती है। दरअसल, ददाहू उठाऊ व ग्रेविटी योजना से शहर को लगभग 35 लाख लीटर पानी उपलब्ध होता है, जबकि खैरी से 20 लाख लीटर पानी की व्यवस्था होती है।
ददाहू योजना के शुरू होने के बाद नहरस्वार व खैरी योजनाओं पर निर्भरता खत्म हो गई थी, लेकिन पिछले एक सप्ताह से हर किसी को रियासतकाल के वक्त की योजना की याद आई है। यही एकमात्र योजना है, जो आज भी जस की तस खड़ी हुई है। इसके विपरीत चंद साल पहले बनी ददाहू पेयजल योजना ने इस बार विभाग को नाको चने चबवा रखे हैं। जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह ही योजना धौण के समीप दोबारा क्षतिग्रस्त हो गई। मगर इस बार ग्रामीणों ने जल शक्ति विभाग को इसकी मरम्मत करने से रोक दिया।
इसके पीछे तर्क दिया जा रहा था कि पाइपों के बार-बार फटने से न केवल घरों को नुकसान हो रहा है, बल्कि खेतों को भी क्षति पहुंच रही है। पानी का फव्वारा सैंकड़ों फीट की ऊंचाई तक पहुंचता है। इसकी चपेट में आने से जानी नुकसान भी हो सकता है। बता दें कि धौण के नजदीक लगभग 300 मीटर की पाइप लाइन दो सप्ताह के भीतर ही एक दर्ज बार क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ग्रामीण इस स्कीम को अन्य जगह शिफ्ट करने की मांग कर रहे थे।
दोपहर 3 बजे के आसपास एसडीओ के मौके पर पहुंचने के बाद ग्रामीणों से सुलह की गई, तब जाकर कार्य शुरू हो पाया। अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो शहर में पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि हो सकती है। बताया जा रहा है कि नहरस्वार स्कीम को 2017 में रि माॅडल किया गया था। ये स्कीम केवल कैल्शियम जमने के कारण ही प्रभावित हुई थी। इसकी पाइपें रियासत काल से जस की तस रही।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए जलशक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता आशीष राणा ने कहा कि ददाहू पेयजल योजना को बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने माना कि दोपहर 3 बजे तक ग्रामीणों ने कार्य को शुरू नहीं करने दिया। वो अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।