लाहौल, 29 सितम्बर : खंमीगर ग्लेशियर पर ठहरे पर्वतारोही दल के रेस्क्यू किए गए सदस्यों का काजा पहुंचाया गया। सीएचसी काजा में इनका प्राथमिक उपचार किया गया। इनमें एक शेरपा (स्थानीय गाइड ) 6 पोटर (सामान उठाने वाला ) और तीन सदस्य थे। 10 सदस्यों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं एक पोटर और एक सदस्य पहले से रेस्क्यू दल के साथ काह से आईटीबीपी कैंप के लिए गया था जोकि अब काजा पहुंच गया।
काजा में कुल दल के 12 सदस्य पहुंच गए है। जबकि चार पोटर, दो शवों के साथ खंमीगर ग्लेशियर से नीचे लाए जा रहे है। उन्हें आईटीबीपी बेस कैंप पर लाया जा चुका हैै। जिलाधीश नीरज कुमार ने बताया कि काजा पहुंचने पर दल के सदस्यों को प्राथमिक उपचार दिया गया है। इनमें से दो सदस्यों को फ्रास्ट बाइट हुआ था। सभी सदस्य स्वस्थ हैं।
बता दें कि 15 सिंतबर को बातल से 18 सदस्यीय दल रवाना हुआ है। इसमें 6 सदस्य, एक शेरपा और 11 पोटर थे। इनका ट्रेक बातल, बड़ा ग्लेशियर, खंमीगर ग्लेशियर यहीं से यूटर्न के साथ मनीकर्ण पहुंचना था। खंमीगर ग्लेशियर पहुंचने तक यह सात जगह रूके थे। बर्फबारी के कारण इन्होंने अपना आगे का सफर जारी नहीं रखा था। 24 सिंतबर जैसे ही आठवें प्वाइंट पर पहुंचे तो सदस्य संदीप ठाकुराता और भास्कदेव मुखोप्धाय पीछे रह गए थे। ये दोनो सदस्य टेंट तक पहुंच ही नहीं पाए, तो शेरपा व एक अन्य पोटर पीछे गए और जिस स्थान पर दोनों रूके हुए थे। वहीं पर टेंट लगा दिया और उन्हें स्लीपिंग बैग के साथ टेंट में ठहरा कर वापिस आगे आ गए। 25 सिंतबर को तीन पोटर उन दोनों को सदस्यों को देखने के लिए करीब सात बजे सुबह गए। लेकिन जब पहुंचे तो दोनों सदस्यों की मौत हो चुकी थी। तीनों पोटर वापिस पहुंचे और दल के अन्य सदस्यों को मृतकों की सूचना दी। फिर दल ने फैसला किया कि स्थानीय प्रशासन को इसके बारे में सूचित किया जाए और सदस्य अभिजीत के साथ पोटर जीवन को काजा तुरंत रवाना किया गया।
इन दोनों को दो दिन काजा पहुंचने में लग गए। 27 सितंबर की सुबह दोनों ने एडीएम काजा के पास इस घटना के बारे में सूचना दी। इसके बाद ही प्रशासन ने आइटीबीपी, डोगरा स्काउट और पोटर का 32 सदस्यीय रेस्क्यू दल का गठन किया और पिन घाटी के काह गांव के लिए रवाना कर दिया। 28 सिंतबर को रेस्क्यू दल की एंडवास पार्टी को उक्त सदस्य रास्ते में मिल गए। इनमें से दो सदस्यों को फ्रोस्ट बाइट से ग्रसित थे। जिन्हें चलने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन रेस्क्यू दल के सदस्यों ने कंधों का सहारा लेकर इन्हें काह तक लाया।
क्या कहा पर्वतारोहियों ने
अभिजीत कोलकाता के रहने वाले है। उन्होंने कहा कि 24 सिंतबर को जब सुबह बर्फबारी नहीं हो रही थी तो दल ने आगे के ट्रेक पराया कॉल के लिए निकले। फिर हमने खंमीगर ग्लेशियर से नीचे जैसे जहां पर बर्फ कम थी। वहां पर टेंट लगाया हुआ था। लेकिन दो सदस्य टेंट में नहीं पहुंचे। फिर वहीं पर उन्हें टेंट लगवा दिया गया। परंतु अगली सुबह जब खाना पानी आदि सामान लेकर उनके पास सदस्य पहुंचे तो उनकी मौत हो चुकी। फिर काजा प्रशासन को सूचना दी गई। प्रशासन ने रेस्क्यू दल का गठन करके हमारे दल के सदस्यों को रेस्क्यू किया है। हम स्पीति प्रशासन, आईटीबीपी, डोगरा स्काउट का विशेष आभार व्यक्त करता हूं।