शिमला, 29 सितम्बर : कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने गुजरात के एक पोर्ट पर पकड़ी गई नशे की भारी भरकम खेप के पूरे प्रकरण पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इस सारे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा है कि सुप्रीमकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन होना चाहिए, जो तय समय के भीतर इसकी जांच कर असलियत जनता के सामने लाए।
बुधवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में अलका लांबा ने कहा कि गुजरात के पोर्ट पर 13 सितंबर को तीन हजार किलो हेरोइन बरामद की गई और इसकी बाजार में कीमत 21 हजार करोड़ रुपए थी और इससे पहले इसी पोर्ट पर 9 जून को 25 हजार किलोग्राम हेरोइन पकड़ी गई थी और इसकी बाजार में कीमत 1 लाख 75 हजार करोड़ रुपए आंकी गई थी। उन्होंने सवाल किया कि नशे की यह खेप कहां से आई और इस मामले को क्यों दबाया जा रहा है।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कार्रवाई के नाम पर छोटी मछलियों को पकड़ा जा रहा है, जबकि कार्रवाई मगरमच्छ पर होनी चाहिए, क्योंकि इतनी भारी भरकम नशे की खेप बिना किसी संरक्षण से आ नहीं सकती।
अलका लांबा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश के युवाओं को रोजगार तो प्रदान नहीं कर रही, बल्कि उनके भविष्य से खिलवाड़ जरूर कर रही है। उन्होंने कहा कि जब युवा को रोजगार नहीं मिलेगा तो वह नशे की तरफ जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का इस मामले पर चुप रहना कई सवाल खडे़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी बड़े पैमाने पर नशे की सामान पहुंच रहा है और हिमाचल पुलिस के आंकड़े इस बात के गवाह हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में ही इस वर्ष अब तक 300 किलोग्राम नशे का सामान बरामद किया जा चुका है और यहां पर यह सामान कहां से आ रहा है, जांच का विषय है।
अलका लांबा ने कहा कि केंद्र सरकार ने हर वर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन आज रोजगार तो नहीं मिल रहा, लेकिन युवा नशे की गिरफ्त में जरूर जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर सख्ती से लगाम लगानी चाहिए। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से भी कहा कि वे भी इस ओर ध्यान दें और यह सुनिश्चित बनाएं कि हिमाचल में नशा न पहुंच पाए। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी इस मामले पर सख्ती से कदम उठाने की मांग की, ताकि हिमाचल के युवा इस दलदल में न फंसे।