हमीरपुर, 27 सितंबर : हिमाचल के हमीरपुर की युवा डीसी देव श्वेता बनिक ने सोमवार को असाधारण तरीके से युवाओं को गजब संदेश दिया है। रस्सियों के सहारे गहरी खाई तक उतर गई। इससे युवाओं की हौंसला अफजाई तो हुई ही, साथ ही फिटनेस का संदेश भी मिला। साहसिक खेलों के प्रति जागरूकता भी मकसद था।
दरअसल, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (District Disaster Management Authority) ने अग्निशमन विभाग के सहयोग से आपदा प्रबंधन के प्रति आम लोगों को जागरूक (aware) करने के मकसद से एक अभियान शुरू किया हुआ है। इसी को लेकर हमीरपुर की निकटवर्ती ग्राम पंचायत दडुही के खब गांव में युवाओं के लिए एक प्रशिक्षण शिविर (training camp) आयोजित किया गया था। युवा आईएएस देब श्वेता बनिक मौके पर पहुंची थी। इस दौरान उपायुक्त ने स्वयं भी कई कठिन गतिविधियों में अपनी भागीदारी दिखाई। इसमें रिवर क्राॅसिंग, रैपलिंग इत्यादि तो शामिल था, लेकिन हर कोई उस समय दंग रह गया, जब वो रस्सी के सहारे गहरी खाई में उतर गई।
रस्सी के सहारे खाई में उतरने के दौरान युवा आईएएस व उपायुक्त के चेहरे पर रत्ती भर भी खौफ नहीं था। उपायुक्त का कहना था कि किसी भी आपदा के समय में स्थानीय लोग ही सबसे पहले पहुंचते हैं। अगर वो रेस्क्यू (rescue) को लेकर सजग रहेंगे तो अनमोल जीवन बचाए जा सकते हैं। प्राकृतिक आपदा में चाहे भूस्खलन हो या फिर सड़क हादसा या अग्निकांड, इसमें स्थानीय लोग ही मौके पर सबसे पहले पहुंचते हैं। रेस्क्यू करने वाले भी अपना जीवन खतरे में डालकर आम लोगों के प्राणों की रक्षा करने में अपना दायित्व निभाते हैं। ऐसे में एक उपायुक्त द्वारा रस्सियों के सहारे खाई में उतर कर युवाओं को संदेश देना अपने में एक अनूठी मिसाल है।
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एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में उपायुक्त देब श्वेता बनिक ने कहा कि युवाओं को संदेश देना था। साहसिक खेलों (adventure games) से जुड़ी गतिविधियों को भी प्रमोट करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्यत्व स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शिविर का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि युवाओं को ये समझना चाहिए कि किसी भी आपदा की स्थिति में वो ही सबसे पहले मौके पर पहुंचते हैें।
उपायुक्त ने कहा कि जागरूकता के मकसद से एक प्रयास किया गया है, ताकि आपदा की स्थिति में युवा निडर होकर अपने योगदान के लिए सामने आएं।