काजा, 27 सितंबर : डीसी नीरज कुमार ने बताया कि खंमीगर ग्लेशियर में फंसे 14 ट्रैकर को रेस्क्यू करने का कार्य प्रशासन ने शुरू कर दिया गया है। स्पीति प्रशासन को सोमवार सुबह 16 सदस्यीय दल के दो सदस्यों ने काजा में आकर सूचना दी कि उनके अन्य साथी ग्लेशियर में फंसे हुए है, जिनमें से दो की मौके पर मौत हो चुकी है। जबकि अन्य साथी 14 सदस्य फंसे हुए हैं। स्पीति प्रशासन ने तुरंत 32 सदस्यीय रेस्क्यू टीम का गठन कर दिया। टीम में 16 आईटीबीपी के जवान, 6 डोगरा स्काउट के जवान व चिकित्सक भी है। इसके साथ ही 10 पोटर भी शामिल किए गए हैं।
डीसी नीरज कुमार ने बताया कि 15 सितंबर को इंडियन माउंटेनियरिग फाउंडेशन पश्चिम बंगाल के 6 सदस्य बातल से काजा वाया खंमीगर ग्लेशियर ट्रैक को पार करने के लिए रवाना हुआ थे। इनके साथ 10 पोटर भी शामिल हैं।
प्रशासन को मिली सूचना के मुताबिक तीन ट्रैकर, एक शेरपा ( लोकल गाइड) और 10 पोटर भी खंमीगर ग्लेशियर( 5034 मीटर) में फंसे हुए हैं। रेस्क्यू टीम को खमींगर पहुंचने में तीन दिन लगेंगे। हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू करने के लिए बातचीत की गई है। वहां पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से नहीं पहुंचा जा सकता है। इसलिए 32 सदस्यीय रेस्क्यू दल का गठन किया गया है। रेस्क्यू कार्य पिन घाटी के काह गांव से शुरू होगा। पहले दिन 28 सितंबर को काह से चंकथांगो, दूसरे दिन चंकथांगो से धार थांगो और अंतिम दिन धारथांगो से खमींगर गलेशियर रेस्क्यू टीम पहुंचेगी। वहीं तीन दिन वापिस खंमीगर गलेश्यिर से काह पहुंचने में लंगेगे।
मृतक
मृतकों की पहचान भास्कर देव मुखोपाध्याय (61) निवासी कोलकाता, पश्चिम बंगाल और संदीप कुमार ठाकुराता (38) निवासी बेलगोरिया ( पश्चिम बंगाल) के तौर पर की गई है।
दल के सदस्य
देबाशीष (58) मिलन पार्क गरिया, रणधीर राय( 63) रामकृष्ण पाली, तपस कुमार दास चितरंजन बरधवान, और अतुल ( 42) हुई है जिनके साथ ही दस पोटर भी शामिल हैं।