हमीरपुर, 26 सितंबर : प्रदेश के सरकारी स्कूलों को समग्र शिक्षा अभियान द्वारा 23 सितंबर से 8 अक्तूबर के बीच निजी बैंक एचडीएफसी से खाते खुलवाने के आदेश दिए गए हैं। इस निजी बैंक के कर्मचारी स्कूल जाकर एमएससी प्रधान और स्कूल मुख्य के आधार कार्ड, पैन कार्ड व पासपोर्ट साइज फोटो लेकर खाते खोलेंगे मगर इस निजी बैंक की प्रदेश में करीब 75 शाखाएँ हैं। ऐसे में धन का आहरण, पासबुक अपडेट जैसे काम के लिए कई जिलों में शिक्षकों को 60 से 100 किलोमीटर जाना पड़ेगा।
समग्र शिक्षा अभियान ने पीएफएमएस व्यवस्था लागू करने के लिए शून्य शेष खाते खोलने के आदेश दिए हैं मगर पीएफएमएस सिस्टम को प्रदेश के समस्त राष्ट्रीयकृत बैंक लागू करते हैं। ऐसे में निजी बैंक में खाते खोलने के आदेश मंजूर नहीं हैं।
यह वक्तव्य देते हुए हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज,संघ प्रचारक ओम प्रकाश, प्रेस सचिव पवन रांगड़ा, जिला इकाईयों के प्रधान देशराज शर्मा, अमित छाबड़ा, विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, शेर सिंह, डॉ. सुनील दत्त, राजेन्द्र ठाकुर, रिग्ज़िन सैंडप, पुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण ने प्रदेश समग्र शिक्षा अभियान परियोजना निदेशक से अपील की है कि समस्त राष्ट्रीयकृत बैंकों में से अपनी सुविधा अनुसार शून शेष वाले खाते खोलने के आदेश जारी किए जाएं, क्योंकि एचडीएफसी बैंक हिमाचल में सुलभ नहीं है, जिसके कारण शिक्षक व स्कूल प्रबंधन समितियां असहज महसूस कर रही हैं ।
संघ ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान की धनराशि हर राष्ट्रीयकृत बैंक में सरलता से संबंधित खातों में ट्रांसफर हो जाती है। ऐसे में निजी बैंक के भारी-भरकम शुल्क क्यों भरे जाएँ और स्कूल आकर खाता खोलने वाले क्या स्कूल आकर धनराशि भी डिलीवर करेंगे और मोहर लगा असली पीएफएमएस पेमेंट वाउचर क्या ये बैंक कर्मचारी स्कूल से लेने हेतु आएंगे। अगर समग्र शिक्षा अभियान ने एचडीएफसी बैंक से कोई एमओयू साइन किया है तो इसकी जानकारी भी उन आदेशों में अपेक्षित थी, जिसमें इस बैंक से खाता खोलने हेतु कहा गया था।
शिक्षकों से भरवा रहे छात्रवृत्ति आवेदन
राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ महासचिव विजय हीर ने कहा कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकरण का जो काम अभिभावकों व विद्यार्थियों हेतु तय है, वह भी स्कूली शिक्षकों से करवाया जा रहा है । हर विद्यार्थी को एनएसपी पर एप के ज़रिए पंजीकृत किया जाए और आवश्यक दस्तावेज़ एक बार अपलोड किए जाएं, जबकि आय प्रमाण पत्र आदि हर साल अपडेट करने का काम अभिभावक स्वयं या लोक मित्र केन्द्रों के माध्यम से करें। अनेकों छात्रवृत्तियाँ मिलती नहीं हैं और आवेदन प्रक्रिया जटिल है। ऐसे में जितनी छात्रवृत्ति सीटें उपलब्ध हों, उसकी कट ऑफ सूची बनाकर केवल पात्र विद्यार्थियों से ही आवेदन लें। इस तरह स्कूल को फोरम सुधार व अप्रूवल का ही काम दिया जाए, जबकि वर्तमान में सारे काम का बोझ शिक्षकों पर ही है।