शिमला, 25 सितंबर : हिमाचल प्रदेश के समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत एचडीएफसी बैंक के खातों को अनिवार्य किया गया है। हालांकि, इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन राज्य परियोजना निदेशक द्वारा जारी किया गया पत्र वायरल हो रहा है। इस बात पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि प्रदेश का अपना राज्य सहकारी बैंक है, साथ ही राष्ट्रीयकृत बैंक भी मौजूद हैं। इन बैकों को छोड़कर केवल ओर केवल एचडीएफसी बैंक पर ही क्यों फोकस किया गया है।
इस पत्र में हवाला यह भी दिया गया है कि केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं का फंड भी इन्हीं खातों में जारी हुआ। हालांकि तर्क ये भी है कि ये खाते बैंक द्वारा जीरो बैलेंस पर खोले जा रहे हैं। लेकिन खास बात ये भी है कि ये सुविधा अन्य बैंकों द्वारा भी दी जा रही है। जानकारी के मुताबिक पत्र में ये भी साफ किया गया है कि एचडीएफसी की नजदीकी शाखाओं में खाते खोलने का कार्य राज्य स्तर पर पूरा हो चुका है। जिला व बीआरसी स्तर पर भी कार्य को पूरा कर लिया गया है।
केंद्रीय मंत्रालय का हवाला देकर कहा गया है कि ये खाते आईए के स्तर तक खोले जाने हैं। इस पत्र में जिला परियोजना अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि प्राइमरी, अपर प्राइमरी व उच्च विद्यालयों के साथ-साथ वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के भी जीरो बैलेंस खाते खुलवाए जाएं। रोचक बात ये भी है कि एचडीएफसी बैंक की शाखाएं केवल शहरों तक सिमटी हुई हैं। जबकि प्रदेश के अधिकांश इलाके ग्रामीणों क्षेत्रों की जद में हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में कहां एचडीएफसी की शाखाओं को तलाशा जाए। स्कूलों के मुखियाओं को 23 सितंबर से 8 अक्तूबर तक विद्यालयों में ही मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं।