मंडी, 25 सितंबर : शुक्रवार को राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन के आहवान पर विभिन्न मांगों को लेकर मंडी में आंगनवाड़ी व मिड डे मील वर्कर यूनियन ने संयुक्त धरना प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी व मिड डे मील वर्करों ने सीटू के बैनर तले प्रदेश व केंद्र सरकार के खिलाफ शहर में रैली भी निकाली, वहीं इसके उपरांत उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
आंगनवाड़ी वर्करों का कहना है कि वे पिछले 43 सालों से अपनी सेवाएं दे रही है, परंतु प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए 30 प्रतिशत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ही नियुक्ति की जा रही है जिससे इनमें भारी रोष है। इस मौके पर आंगनवाड़ी यूनियन जिला अध्यक्ष हमिन्द्री शर्मा ने मांग उठाई कि केंद्र सरकार द्वारा पोषण ट्रैक्टर ऐप व डीबीटी योजना पर रोक लगाई जाए।
हिमाचल प्रदेश में वेदांता कंपनी व नंदघरों के माध्यम से निजीकरण पर रोक लगाई जाए। हरियाणा की तर्ज पर आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर को मानदेय दिया जाए, आंगनवाड़ी कर्मियों के लिए तीन हज़ार पेंशन और दो लाख रूपये ग्रेजुएटी, मैडिकल व छुट्टियों की सुविधा दी जाए। आंगनवाड़ी कर्मियों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष की जाए। आंगनवाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 का नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत किए गए कार्यों की बकाया राशि का भुगतान शीघ्र करने की मांग भी उठाई है।
वहीं, मिड डे मील यूनियन जिला सचिव संतोष कुमारी ने मांग उठाई कि मिड डे मील वर्करों को 9000 रुपये मासिक वेतन दिया जाए। मिड डे मील वर्कर्स की नौकरी के संबंध में 25 बच्चों की शर्त को हटाया जाए। सभी स्कूलों में आवश्यक रूप से दो मिड डे मील वर्कर की भर्ती की जाए। यूनियन ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार यदि इन मांगों को जल्द पूरा नहीं करती तो सीटू व विभिन्न संगठनों के बैनर तले पूरे प्रदेश में आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं किया जाएगा।