संगड़ाह, 24 सितंबर : सुनने में कुछ अटपटा लग सकता है। आप सोचोगे, कैसे एक पोल विशालकाय चट्टान को नीचे की तरफ लुढ़कने से रोक सकता है। इस बीच आपके जहन में लाजमी तौर पर वो कहावत भी आ सकती है, जिसमें कहा गया है, डूबते को तिनके का सहारा। इस घटना में तिनके वाली कहावत सटीक साबित होती नजर आती है।
दरअसल, नौहराधार-बोगधार-टोंडा मार्ग पर लैंड स्लाइड हुआ। इससे भारी भरकम पत्थर खिसककर आ गए। एक ऐसी विशालकाय चट्टान खंभे के सहारे से रुक गई, जो नीचे जाने पर बाग गांव में तबाही मचा सकती थी। अब आलम ये है कि इस पत्थर को न तो ब्लास्टिंग से तोड़ा जा सकता है और न ही जेसीबी से हटाया जा सकता है। क्योंकि मामूली सी चूक पर ये विशालकाय चट्टान गांव को चपेट में ले सकती है। लिहाजा, अब विभाग ने इस चट्टान को धीरे-धीरे तोड़ने का फैसला लिया है।
वाहन चालकों ने तो मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में अपना रूट हरिपुरधार से होकर डाईवर्ट कर लिया है, लेकिन सड़क पर अटकी चट्टान से बाग गांव के लोगों की नींद उड़ी हुई है। उधर, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आरके शर्मा ने बताया कि पत्थर को तोड़कर निकाला जा रहा है। मशीन व लेबर लगा दी गई है। सड़क को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है, लेकिन सबसे बड़ी प्राथमिकता बाग गांव के लोगों को सुरक्षित रखने की है। उन्होंने माना कि खंभे से इतने विशाल पत्थर का रुकना अपने में ही एक अलग घटना है।
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गौरतलब है कि लगातार हो रही बारिश से किसानों की नकदी फसलों पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। नौहराधार क्षेत्र में अधिकतर मुख्य संपर्क मार्ग अवरुद्ध हुए हैं। वाहनों के फंसने की भी जानकारी आ रही है। मजबूरन लोगों को पैदल भी सफर करना पड़ रहा है। लोक निर्माण विभाग युद्धस्तर पर अवरुद्ध सड़कों को बहाल करने में जुटा हुआ है। बता दें कि नौहराधार-बोगधार-टोंडा मार्ग पर विशालकाय चट्टान के पोल से रुक जाने की घटना शुक्रवार सुबह की ही है।
पोल पर रुकी चट्टान