हमीरपुर, 24 सितंबर : NIT हमीरपुर में सालों से बतौर सिक्योरिटी गार्ड और सिक्योरिटी सुपरवाइजर के रूप में सेवाएं देने वाले पूर्व सैनिकों को एक झटके में ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हमीरपुर जिला के निवासी 7 पूर्व सैनिकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। नौकरी से निकाले गए इन पूर्व सैनिकों ने वीरवार को हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होकर एक बार फिर नौकरी दिए जाने की मांग उठाई है।आउटसोर्स आधार पर तैनात पूर्व सैनिकों में से अधिकतर की नौकरी 3 से 6 महीने की ही बची थी।
पूर्व सैनिकों का कहना है कि स्क्रीनिंग कमेटी ने इंटरव्यू के दौरान इनकी नौकरी को सुचारू रखने की बात कही थी, लेकिन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। पिछले 12 अगस्त को नई सिक्योरिटी कंपनी को टेंडर आवंटित किया गया था, जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। 1 महीने तक वह एनआईटी हमीरपुर के निदेशक और रजिस्ट्रार के पास चक्कर लगाते रहे लेकिन उनकी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। एनआईटी हमीरपुर को उन्होंने कोर्ट के माध्यम से लीगल नोटिस भी भिजवाया है, लेकिन अभी तक उसका भी कोई जवाब नहीं मिला है।
एनआईटी हमीरपुर के निदेशक ललित अवस्थी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर में इस कार्य के लिए कोई भी स्क्रीनिंग कमेटी गठित नहीं की गई थी। यह कार्य कंपनी को आउटसोर्स किया गया है और कंपनी ने कर्मचारियों को नौकरी पर रखा है। उक्त कर्मचारियों की सेवाओं को सुचारू रखने के लिए कंपनी अधिकारियों से बात की गई है।
14 बरस तक NIT हमीरपुर में बतौर सिक्योरिटी गार्ड काम करने वाले पूर्व सैनिक करमचंद का कहना है कि 14 वर्षों से वह सिक्योरिटी गार्ड का कार्य एनआईटी हमीरपुर में कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगस्त महीने में नई कंपनी को टेंडर दिया गया था, 12 अगस्त को एनआईटी हमीरपुर की स्क्रीनिंग कमेटी ने उनका इंटरव्यू दिया था और उनकी नौकरी को सुचारू रखने के लिए बात इस दौरान कही गई थी।
उन्होंने कहा कि जब 13 अगस्त को हर ड्यूटी पर पहुंचे तो ड्यूटी रोस्टर में उनका नाम ही नहीं था। रातो-रात ही नए लोगों को सिक्योरिटी गार्ड के वर्दियां आवंटित कर दी गई और उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर के निदेशक के पास भी समस्या लेकर पहुंचे लेकिन निदेशक की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।