शिमला, 23 सितम्बर : हिमाचल की भाजपा शासित सरकार ने आईएएस अफसरों को 11 फीसद डीए देने की घोषणा को 24 घंटों से पहले ही पलट दिया। प्रदेश सरकार ने इस निर्णय को वापिस ले लिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अखिल भारतीय सेवाएं (आईएएस, आईपीएस और आईएफएस) के अधिकारियों और पेंशनभोगियों को 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता राज्य सरकार के अन्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा कि आईएएस अफसरों को जारी किया गया डीए रोकने के निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश सरकार कर्मचारियों व आईएएस सहित सभी अधिकारी वर्ग को एक साथ डीए देगी।
माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के दबाव के आगे अपना निर्णय पलटा है। दरअसल सरकार के इस फरमान से कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था और कर्मचारियों की विभिन्न यूनियनों ने अपनी बैैठकों का खाका तैयार कर लिया था। अफसरों को डीए देने के मामले में रात को ही कर्मचारी सरकार के खिलाफ मुखर हो गए थे। सुबह होते ही हर वर्ग के कर्मचारियों की ओर से बैठकें शुरू हो गई थी। विनोद गुट, एएनआर गुट ने तो सरकार के इस फैसले का कड़े शब्दों में विरोध किया।
विनोद कुमार ने कहा कि सरकार की यह दोहरी नीति कर्मचारी वर्ग के साथ भेद-भाव पूर्ण की है। यह सरकार की कथनी और करनी को दर्शाती है। कर्मचारियों के विरोध के बाद राज्य सरकार ने 24 घंटे के भीतर अपने इस फैसले को पलट दिया और आईएएस को दिए जाने वाले 11 फीसद डीए देने की घोषणा को वापिस ले लिया।
गौर हो कि सूबे में आईएएस, आईपीएस व आईएफएस सरकार में 153 आईएएस अधिकारियों का कॉडर है। आईपीएस का 94 और आईएफएस का 114 का कॉडर है । अखिल भारतीय सेवा के होने के कारण तीनों श्रेणियों को सातवां वेतन आयोग वर्ष 2016 में प्राप्त हो चुका है।