मंडी, 21 सितंबर : राज्य सरकार ने 870 शारीरिक शिक्षकों के पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया में एससीवीटी से एक साल का डिप्लोमा कर चुके अभ्यार्थियों को भाग लेने का मौका नहीं मिलेगा। सरकार ने वर्ष 2011 में शारीरिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के आरएंडपी नियमों को संशोधित करते हुए दो वर्ष के डिप्लोमे की शर्त को अनिवार्य कर दिया था। इस कारण प्रदेश के करीब 2500 डिप्लोमा धारकों का भविष्य अधर में लटक गया है।
हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ ने पिछले कल सीएम जयराम ठाकुर के मंडी दौरे के दौरान गागल में उनसे मुलाकात की और अपना मांग पत्र सौंपा। संघ के प्रदेशाध्यक्ष पप्पू भाटिया और सचिव दीना देवी ने बताया कि उन्होंने सरकार द्वारा अधिकृत कोर्स को पूरी तन्मयता के साथ किया। लेकिन अब सरकार ने आरएंडपी नियमों में संशोधन करके इनके साथ कुठाराघात किया है। इन्होंने सीएम जयराम ठाकुर से मांग उठाई है कि सरकार नियमों में दोबारा से संशोधन करे और एक वर्ष वाले डिप्लोमा धारकों को भी भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने का मौका दिया जाए। यदि सरकार ने ऐसी ही शर्तें लगानी थी तो फिर इस प्रकार का कोर्स भी शुरू नहीं किया जाना चाहिए था।
इससे सैंकड़ों लोगों के धन और समय की बर्बादी हुई है और जो डिप्लोमे उन्हें सरकार की तरफ से मिले हैं, आज उनका कोई मोल नहीं रहा है। इन्होंने सरकार को चेताया है कि अगर सरकार ने आरएंडपी नियमों में संशोधन नहीं किया तो फिर ये मजबूर होकर न्यायलय की शरण में जाकर पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगवा देंगे। वहीं सीएम जयराम ठाकुर ने इनकी मांग पर विचार विमर्श करने का भरोसा दिलाया है।