शिमला, 20 सितंबर : प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी उपमंडल के तहत गांव अधवानी़ में स्टोन क्रशर की स्थापना से जुड़े मामले में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव वन, प्रधान मुख्य संरक्षक वन सहित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, डीसी कांगड़ा व एसडीएम ज्वालामुखी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
कोर्ट ने प्रतिवादी ज्ञान चंद को स्टोन क्रशर लगाने का नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमथ व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लेते यह आदेश जारी किए।
दरअसल प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि ज्ञान चंद नाम की फर्म और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानदंडों का पालन किए बिना ग्रामीणों के विरोध के बावजूद गांव में जबरन स्टोन क्रशर स्थापित कर रही है, जो कि यहां के निवासियों के स्वास्थ्य और शारीरिक आराम के लिए हानिकारक है। इस क्रशर के नजदीक लोगों के घर हैं और उनकी कृषि योग्य भूमि व मवेशियों के लिए चरने की जमीन भी है। बच्चे और वृद्ध लोग भी खेतों में पशुओं के पालन और खेती के लिए जाते हैं और धूल व प्रदूषण सभी को नुकसान पहुंचाएगा। उनका आरोप है कि स्टोन क्रशर की वजह से ग्रामीणों के आसपास की जमीन में लगे पेड़ खत्म हो जाएंगे और पर्यावरण का नुकसान होगा।
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि नियमों का उल्लंघन कर स्टोन क्रशर लगाया जा रहा है। इसकी दूरी सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 1000 मीटर से कम है। पानी लाने के लिए ग्रामीणों द्वारा उपयोग किए जाने वाले जलाशय (बावरी) से 100 मीटर से भी कम है। गांव की आबादी से 500 मीटर की दूरी के भीतर क्रशर लगाया जा रहा है।
उन्होंने अदालत से गुहार लगाई है कि ग्रामीणों के जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए और आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरणीय क्षरण के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए स्टोन क्रेशर को तुरंत बंद कर दिया जाए।