बिलासपुर, 20 सितंबर : एम्स में प्रशिक्षु डॉक्टर्स द्वारा मारपीट के मामले में घायल कैंटीन कर्मी को आईजीएमसी रैफर कर दिया गया है। मारपीट को लेकर परिजनों ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। पीड़ित नरेश कुमार के चाचा महेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिस द्वारा कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की गई है। मारपीट के बाद नरेश कुमार को क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे उचित उपचार नहीं दिया गया और घर भेज दे गया।
सोमवार सुबह नरेश कुमार की हालत नाजुक बनी हुई थी, जिसके चलते 108 के माध्यम से घायल को क्षेत्रीय अस्पताल लाया गया। यहां से उसे आईजीएमसी रैफर कर दिया गया है। नौणी पंचायत प्रधान निर्मला राजपूत की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल डीएसपी बिलासपुर राज कुमार से मिला। इस मौके पर जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष आशीष ठाकुर ने बताया कि 17 सितंबर 2021 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान कोठीपुरा में प्रशिक्षु महिला चिकित्सकों ने कैंटीन में कार्यरत स्थानीय युवक के साथ जमकर मारपीट की थी। साथ ही संस्थान में खड़ी गाड़ियों के साथ भी तोड़ फोड़ की थी।
आशीष ठाकुर ने बताया कि उक्त युवक आईजीएमसी शिमला में उपचाराधीन है और उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। निर्मला राजपूत ने कहा कि अभी तक प्रशिक्षु चिकित्सकों के ऊपर कोई भी कठोर कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। आशीष ठाकुर ने कहा कि अगर रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो कैसे इस समाज का उत्थान होगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल की गरिमा को अगर कोई आहत करने की कोशिश करेगा तो सहन नहीं किया जाएगा।
ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि जल्द से जल्द प्रशिक्षु चिकित्सकों के ऊपर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। आशीष ठाकुर ने कहा कि अगर 3 दिनों के भीतर प्रशिक्षु चिकित्सकों के ऊपर कानूनी कार्रवाई नहीं हुई तो स्थानीय लोगों के साथ मिलकर जिलाधीश कार्यालय का घेराव होगा। इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की होगी।