पांवटा साहिब , 19 सितंबर : हिमाचल के पावर मंत्री सुखराम चैधरी के घर पांवटा साहिब में राज्य स्तरीय यमुना शरद महोत्सव को हर्षोल्लास से मनाने का ऐलान किया गया है। इसको लेकर एसडीएम विवेक महाजन का बठक के बाद बयान आया है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि सूबे के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बतौर मुख्यातिथि आमंत्रित किया जाएगा।
18 व 19 अक्तबर को इस महोत्सव को सांकेतिक रूप से नहीं, बल्कि हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। हालांकि, एक संतोषजनक बात ये है कि कोविड संकट के बाद सामान्य जन जीवन पटरी पर लौटेगा, लेकिन सिरमौर में अन्य स्थानों पर इस तरह का प्रयास क्यों नहीं हुआ, इस पर जरूर जनता जरर सवाल पूछेगी। हर साल सराहां में वामन द्वादशी मेले को धूमधाम से राज्य स्तर पर मनाया जाता है। मगर इस मेले को भी सूक्ष्म तौर पर मनाया गया। अगर, आंकड़ों को देखा जा तो इस समय सिरमौर में कोविड के 4 एक्टिव मामले हैं।
पांवटा साहिब प्रशासन ने तो ये तय कर ही लिया है कि 18 अक्तूबर तक कोविड का कोई डर नहीं होगा। अब सवाल ये भी उठता है कि अगर प्रशासन राज्य स्तरीय यमुना शरद महोत्सव को धूमधाम व रीति-रिवाज से मनान भी चाहता है तो इतनी हड़बड़ाहट में एक महीना पहले ही घोषणा करने की क्या आवश्यकता आन पड़ी थी।
बता दें कि शुक्रवार को नाहन में भी वामन द्वादशी को लेकर विवाद पैदा हो गया था। प्रशासन ने केवल एक पालकी को पक्का तालाब तक कंधों पर ले जाने की अनुमति दी। इस पर कारदार काफी नाराज हो गए थे। यहां तक क रघुनाथ मंदिर की पालकी को तो ले जाया ही नहीं गया। कच्चा टैंक ही मंदिर की परिक्रमा करवाकर वापस स्थापित कर दिया गया था। रिवाज के मुताबिक समूचे शहर की पालकियां एक स्थान पर एकत्रित होकर पक्का तालब के किनारे दशर्नार्थ रखी जाती हैं। रात को वापस मंदिरों में पहुंचाई जाती हैं। कुल मिलाकर ऐसे हालातों के बीच पांवटा साहिब में राज्य स्तरीय यमुना शरद महोत्सव का ऐलान हुआ है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोविड प्रोटोकाॅल के अलग-अलग मापदंड होने से प्रदेश की जनता खासी खफा है। इसमें सबसे बड़ी नाराजगी विद्यालयों को लेकर देखने में आ रही है।