नाहन, 15 सितंबर : इंडियन टैक्नोमेक में अरबों रुपए के घोटाले को लेकर सीबीआई ने सिरमौर के साथ-साथ कंपनी के निदेशक रहे विनय शर्मा के कांगड़ा स्थित ठिकाने पर भी दबिश दी है। सीबीआई ने जारी प्रेस विज्ञप्ति (Press release) में कहा कि पांवटा साहिब के साथ-साथ कांगड़ा में भी दबिश दी गई हे।
सीबीआई के मुताबिक कंपनी के सीएमडी के पद पर राकेश कुमार शर्मा थे। जबकि कांगड़ा के रहने वाले विनय शर्मा निदेशक व गारंटर (director and guarantor) थे। सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि इस फ्राॅड को लेकर मामला दर्ज किया गया है। कंपनी ने 16 बैंकों से 1528 करोड़ रुपए के ऋण (loan) हासिल किए थे। इसके लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ था। इसमें दो काॅर्पोरेट गारंटर्स (corporate guarantors) भी बनाए गए थे। प्रवक्ता के मुताबिक निजी कंपनी फैरस व नाॅन फैरस (ferrous and non ferrous) का उत्पादन कर रही थी।
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2008 से 2013 के बीच ऋण जुटाए गए थे। इसमें बैंक ऑफ़ इंडिया (bank of india) को लीड बैंक बनाया गया था। धोखे से 1528 करोड़ का ऋण जुटा लिया गया था। 31 मार्च 2014 को बैंक ने कंपनी का खाता एमपीए घोषित किया था। कंपनी के खाते में रैड एंट्री (red entry) कर दी गई थी।
ये कार्रवाई आरबीआई की सलाह पर मई 2015 में की गई थी। इसे फरवरी 2016 में फ्राॅड घोषित कर दिया गया था। सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक कांगड़ा व सिरमौर के पांवटा साहिब में कार्रवाई चल रही है।