सोलन, 14 सितंबर : हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है और प्रदेश के लोगों की बहादुरी, ईमानदारी व मेहनत का लोहा पूरी दुनिया मानती है परंतु प्रदेश को आज देश के सबसे बड़े फर्जी डिग्री कांड का कलंक झेलना पड़ रहा है। जो लोग इस कांड के असली गुनहगार है वह सलाखों के पीछे जाने की बजाय अभी तक खुले में घूम रहे है। राज्य सरकार भी गुनहगारों पर हाथ डालने का नैतिक साहस नहीं दिखा पा रही या फिर कोई राजनीतिक मजबूरियां सरकार के सामने आ रही है।
यह बात पत्र के माध्यम से सुजानपुर से कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने कही है। महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व राज्यपाल हिमाचल प्रदेश को पत्र लिखकर सोलन में स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय में करोड़ों के फर्जी डिग्री घोटाले को लेकर प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़े घोटाले की सीबीआई से जांच की मांग करी है।
राजिंदर राणा द्वारा लिखे गए पत्र में उनके द्वारा भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लिखा गया है कि इस सारे मामले के तार प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार से जुड़े हैं। तत्कालीन सरकार की कार्यप्रणाली और सरकार में शामिल लोगों के आचरण पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हैं।
दिसंबर 2007 में हिमाचल प्रदेश में प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में भाजपा सरकार सत्तासीन हुई थी और सरकार ने विधानसभा में प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट लाकर राज्य में जगह-जगह विश्वविद्यालयों के रूप में शिक्षा की दुकानें खोलने का सिलसिला शुरू कर दिया था। महज 4 लोकसभा क्षेत्रों पर आधारित इस छोटे से प्रदेश में 17 प्राइवेट विश्वविद्यालय खोल दिए गए। एक-एक पंचायत में 3-3 विश्वविद्यालय खुल गए। ऐसे लग रहा था जैसे तत्कालीन सरकार खुले दिल से निजी विश्वविद्यालयों की रेवड़ियां बांटने में लगी हो।
इसी कड़ी में वर्ष में पेशे से लैब टेक्नीशियन का डिप्लोमा करने वाले एक शख्स जिस पर फर्जीवाड़े के कई मुकदमे दर्ज थे, उसने भी मानव भारती विश्वविद्यालय के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत कर दिया। राणा ने हिमाचल में हुए देश के सबसे बड़े फजी डिग्री घोटाले के असली गुनहगारों को सलाखों के पीछे जल्द से जल्द पहुंचाने की मांग की है।