शिमला,12 सितंबर: हिमाचल इंटक के अध्यक्ष पर एक बार फिर हरदीप सिंह बाबा की ताजपोशी हुई हैे। बाबा पांचवी बार इंटक के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) हिमाचल प्रदेश का राज्य स्तरीय चुनाव रविवार को कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में राष्ट्रीय युवा इंटक अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय इंटक सचिव संजय गावा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
चुनाव में 116 इंटक से सम्बन्धित इकाइयों के 300 से अधिक डेलीगेट्स ने भाग लिया। चुनाव में हरदीप सिंह बावा को सर्वसम्मति से हिमाचल प्रदेश इंटक का अध्यक्ष चुना गया। चुनाव के पश्चात प्रदेश जनरल काउंसिल ने दो दर्जन के प्रस्ताव पारित किए। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमो में निजी भागीदारी को रोकना, तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेना, श्रम सुधार कानूनों को वापस लेना, मनरेगा कामगारो की दिहाड़ी 300 प्रतिदिन करने और मनरेगा के कार्यदिवस 200 प्रति वर्ष करने, कम से कम मजदुरी 20,000 रूपये प्रतिमाह करने, न्यु पैंशन स्कीम को वापिस लेकर पुरानी पैन्शन स्कीम को लागू करना, आशा कार्यकर्ताओ को अनुबन्ध राजकीय अधिसूचना के तहत न्यूनतम वेतन देना, आशा कार्यकर्ताओं के लिए नीति बनाकर स्वास्थ्य विभाग में समायोजित करना, पंजीकृत श्रमिको को पिछले तीन साल से देय सुविधाओ को तुरन्त प्रदान करना, एचआरटीसी सेवानिवृत कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तो का भुगतान अन्य सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर करना, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने, प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के वितीय लाभ प्रदान करने, स्वास्थ्य विभाग में 102 और 108 एम्बुलेंस के साथ कार्यरत कर्मचारियों को न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुसार वेतन देना इत्यादि शामिल हैं।
आम सभा की बैठक को सम्बोधित करते हुये नवनियुक्त इंटक अध्यक्ष बावा हरदीप सिंह ने कहा कि इन प्रस्तावों का मांग पत्र मुख्यमंत्री और सम्बन्धित विभागों को भेजा जायेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार में कुछ अधिकारियों द्वारा गलत तथ्य प्रस्तुत कर दो वर्ष पहले जारी अधिसूचनाओं को वापिस करके हजारों कर्मचारियों के हितों का नुकसान पहुंचाया गया है। इंटक इस खिलवाड़ को कतई सहन नहीं करेगी और कर्मचारियों को न्याय दिलवाने के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाएगी।