शिमला, 10 सितंबर : राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते डीओ नोट के आधार पर जारी तबादला आदेश को प्रदेश हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। कोर्ट ने ग्रामीण विकास बैंक की अध्यक्ष शशि बाला की ओर से दिए डीओ नोट के आधार पर एक कर्मचारी का तबादला रोहड़ू के चिड़गांव से चंबा करने को गैर कानूनी करार देते हुए इसे रद्द करने का फैसला सुनाया है।
न्यायाधीश तिरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने बिजली बोर्ड के चिड़गांव स्थित आंध्रा पावर हाउस में तैनात वरिष्ठ सहायक प्रदीप कुमार की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि इस डीओ नोट को लिखने वाली शशि बाला ग्रामीण विकास बैंक की अध्यक्ष है, जिनका याचिकाकर्ता के प्रशासकीय विभाग से कोई लेना-देना नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि ये तबादला आदेश पूरी तरह से राजनीतिक आधार पर किया गया है।
दरअसल शशि बाला के डीओ नोट को मुख्यमंत्री ने मंजूर कर दिया था और प्रदीप कुमार का तबादला चिड़गाव से चंबा के लिए कर दिया गया था जिसे उसने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी।
प्रदीप कुमार ने अपनी याचिका के साथ शशि बाला की ओर से लिखे डीओ नोट को भी संलग्न किया था जिसमें शशि बाला ने लिखा था कि कुछ कर्मचारी दलगत राजनीति में शामिल है और अपने विभागों में कार्य संस्कृति को विषैला कर रहे है। उन्होंने प्रदीप कुमार समेत छह कर्मचारियों की एक सूची दी थी व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया था कि इन सबका जनहित में तबादला कर दिया जाए।