शिलाई, 09 सितम्बर : एक बार फिर 108 एम्बुलेंस में महिला का सफल प्रसव हुआ है। 108 सेवा नवजात व महिला के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है। शिलाई से रैफर महिला का प्रसव अस्पताल से दस किलोमीटर दूरी पर एंबुलेंस में ही करवाया गया। खास बात ये है कि शिलाई अस्पताल से डॉक्टरों ने डिलीवरी को हाई रिस्की बताकर प्रोमिला को प्रसव के लिए पांवटा साहिब रैफर कर दिया था।
घुडुवी गांव के रहने वाली महिला को जब उतरी के समीप पहुंचाया गया तो प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी, ईएमटी बस्ती राम व पायलट प्रदीप कुमार ने सड़क किनारे ही महिला की एम्बुलेंस में डिलीवरी करवाने का फैसला लिया। ईएमटी व पायलट इस कोशिश में कामयाब रहे। महिला का सफल प्रसव करवाया गया।
अब सवाल यह उठता है कि यदि ईमटी महिला का प्रसव करवाने में कामयाब हो रहे हैं तो डॉक्टर्स ने महिला को रैफर क्यों किया। ग्रामीणों का कहना है कि यह ऐसा पहला मामला नहीं है, बल्कि कई मर्तबा 108 कर्मियों द्वारा रास्ते में महिलाओं की डिलीवरी करवाई जा चुकी है, जिन्हे डॉक्टरों द्वारा यह बोल कर रैफर किया जाता है कि इसमें हाई रिस्क है। ऐसे में डॉक्टरों व अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए है।
एम्बुलेंस कर्मियों का कहना है कि महिला की सफल डिलीवरी के बाद भी दो अन्य महिलाओं को अस्पताल से पांवटा साहिब के लिए रैफर कर दिया गया। वहीं परिवार ने ईएमटी बस्ती राम पायलट प्रदीप कुमार का धन्यवाद किया है।