शिमला, 08 सितंबर : शिमला की ज्वाइंट टैक्सी यूनियन वैलेफेयर कमेटी ने सूबे में टैक्सियों के टोकन व पैेसेंजर टैक्स को माफ करने की मांग उठाई है। ज्वाइंट टैक्सी यूनियन वैलेफेयर कमेटी के अध्यक्ष अजय सलवानी ने बुधवार को राजधानी में प्रेस वार्ता में कहा कि करोना काल मे टैक्सी गाडियां दो साल से पूर्ण रूप से खड़ी है। कोई भी काम टैक्सी गाडियों ने नहीं किया है इसलिए प्रदेश सरकार टैक्सी गाडियों का दो साल का टोकन टैक्स और पैसेंजर टैक्स माफ करे।
इसके अतिरिक्त सरकार कम से कम पांच साल टैक्सी का परमिट बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि कोरोना काल में प्रभावित हुए टैक्सी ऑपरेटर संभल सके और अपना कारोबार चला सके। वहीं उन्होंने सरकार से टैक्सी गाडियों की इंश्योरेंस और किश्त में सरकार द्वारा राहत प्रदान की जानें की मांग की है।
इस दौरान उन्होंने नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में अभी इतनी सुविधाएं नहीं है कि लोग चालान से बच सके, आए दिन पार्किंग न होने की वजह से लोगों के चालान होते जाते हैं। ऐसे में शहर में अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित अन्य मुख्य जगहों पर पार्किंग का होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी विभागों में निजी गाड़ियां टैक्सी के रूप में सेवाएं दे रही है जोकि सरासर कानून का उल्लंघन है, सरकार द्वारा सरकारी विभागों में केवल टैक्सी गाड़ियों को ही मान्यता दी जानी चाहिए जिससे टैक्सी मालिकों व चालकों को रोजगार मिल सके।
अजय सलवानी ने कहा कि पिछले कई सालों से सरकार द्वारा टैक्सी यूनियनों में प्रीपेड बूथ लगाने की योजना चल रही है, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी अभी तक इस बारे में कोई रूपरेखा सरकार व प्रशासन द्वारा तैयार नहीं की गई है और नहीं प्रीपेड बूथ लग पाए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि प्रीपेड बूथ लगाने के कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि टैक्सियों यूनियनों का लाभ मिल सके।
यूनियन ने सरकार को चेताया है कि अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं करती हैं तो सरकार को टैक्सी चालकों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।