चंबा, 30 अगस्त : हिमाचली हस्तशिल्पी ललिता वकील के बाद अब उनकी बहू अंजली वकील को राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा जाएगा। यह सम्मान उन्हें आगामी नवंबर व दिसंबर माह में राष्ट्रपति द्वारा दिया जाएगा। ये सम्मान पाने वाली ललिता वकील के बाद उनकी बहू अंजली दूसरी हिमाचली हस्तशिल्पी हैं।
अंजली वकील ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपनी सास ललिता वकील को दिया है। उन्होंने कहा कि जो उपलब्धि उन्होंने हासिल की है, वो सब उनकी सास द्वारा प्रोत्साहित करने का नतीजा है। उन्होंने बताया कि 2018 में चंबा रूमाल नेशनल अवार्ड के लिए भेजा था। उन्होंने बताया कि उनकी सास ललिता वकील को तीन नेशनल अवार्ड मिल चुके है। अंजली की शादी वर्ष 2006 में हुई। उन्होंने बताया कि पिछले काफी सालों से उनकी सास ने चंबा रुमाल की हस्तकला को जीवित रखने तथा अन्य लोगों तक इसे पहुंचाने में विशेष योगदान दिया है।
अंजली ने बताया चंबा रुमाल अपनी अद्भुत कला और शानदार कशीदाकारी के कारण देश के अलावा विदेशी में भी लोकप्रिय है। चंबा रुमाल की कारीगरी मलमल, सिल्क और कॉटन के कपड़ों पर की जाती है। इसके तहत श्री कृष्ण लीला को बहुत ही सुंदर ढंग से रुमाल के ऊपर दोनों तरफ कढ़ाई कर उकेरा जाता है। महाभारत युद्ध, गीत गोविंद से लेकर कई मनमोहक दृश्यों को इसमें बड़ी संजीदगी के साथ बनाया जाता है। चंबा रुमाल पर की गई कढ़ाई ऐसी होती है कि दोनों तरफ एक जैसी कढ़ाई के बेल बूटे बनकर उभरते हैं।
अंजली की सास पहली हिमाचली हस्तशिल्पी…
ललिता वकील के बाद अब अंजली चंबा की दूसरी महिला हैं, जिन्हें भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा है। अंजली ने बताया कि उनकी सास ने तीन बार यह पुरस्कार हासिल किया है। सबसे पहले 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा से राष्ट्रीय पुरस्कार नवाजा था।
2012 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शिल्प गुरु सम्मान दिया और 2018 में भी यह सम्मान मिला है। उन्होंने बताया कि उनकी छत्रछाया में अब उन्हें यह पुरस्कार मिलेगा। अंजली चंबा रुमाल की कला को आने वाली पीढ़ियों को भी रूबरू करवाने के लिए भरसक प्रयास किए जाएंगे। निशुल्क दिलचस्पी लेने वाली शिल्पियों को निशुल्क सिखाया जाएगा।