नाहन, 27 अगस्त : जीवन में कारोबार के उतार-चढ़ाव देखने वाले रिंकू जैन को कोविड संकट में सब्जियां बेचनी पड़ी। मगर कान्हा जी के प्रति दीवानगी में कोई कमी नहीं थी। चाहता तो सब्जियां व फ्रूट बेचकर मुनाफे के कारोबार को जारी रख सकता था, लेकिन जन्माष्टमी के मौके पर वो कहां मानने वाला था, लिहाजा कोविड संकट में सब्जियां व फू्रट बेचकर एकत्रित हुई जमापूंजी से बड़ा चैक बाजार में गौरव अग्रवाल उर्फ रिंकू ने कान्हा के भक्तों के लिए दुकान को फिर सजा दिया है।
गौरव की मानें तो वृंदावन से खास तरह के वस्त्र-आभूषण इत्यादि के अलावा कान्हा जी के झूले, खिलौने, हांडी, श्रृंगार का संग्रह लाया है। लाॅकडाउन के दौरान अपने मूल कारोबार में नुकसान झेलने वाले रिंकू अग्रवाल का हौंसला बरकरार है। बता दें कि गत वर्ष की तरह इस बार भी गौरव ने यही दावा किया है कि वो जन्माष्टमी के मौके पर बड़े मुनाफे की चाहत नहीं रखते हैं, बल्कि रेट टू रेट ही वस्तुओं को मामूली मुनाफे पर उपलब्ध करवाना चाहते हैं। उनका कहना है कि वो गत वर्ष की तरह इस साल भी भक्तों की कसौटी पर खरा उतरेंगे।
गौरव का कहना है कि कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़ी वस्तुओं को उन दामों पर ही शहर में उपलब्ध करवा रहे हैं, जिस दाम पर वृंदावन में मिलते हैं। बता दें कि रिंकू का रूझान बचपन से ही धार्मिक क्रियाकलापों की तरफ रहा है। रिंकू का दावा है कि शहर में श्री जगन्नाथ यात्रा की शुरूआत उनकी सोच थी। रिंकू ने कहा कि जीवन में कई बार पथ से भटक गया था, मगर कान्हा जी की कृपा से रास्ता मिल गया है। यही कारण है कि वो कान्हा जी से जुड़ी तमाम वस्तुओं को उनके भक्तों तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं।