शिमला/नाहन, 25 अगस्त : करीब 8 दिन बीत जाने के बावजूद भी सिरमौर में आईपीएस ओमापति जम्वाल ने बतौर पुलिस कप्तान कार्यभार नहीं संभाला है। इसको लेकर तरह-तरह के क्यास लगाए जा रहे थे। एक चर्चा ये भी थी कि वो सिरमौर नहीं आना चाहते, क्योंकि वो कोई दूसरा बड़ा जिला चाह रहे थे। इन चर्चाओं को लेकर एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने सीधे ही आईपीएस ओमापति जम्वाल से बात की। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी कोविड पाॅजिटिव है, जो लेक्चरर हैं। लिहाजा वो भी क्वारंटाइन हैं। उन्होंने कहा कि कम से कम 10 दिन का प्रोटोकाॅल समय होता है।
बता दें कि नए एसपी के ज्वाइन न करने के बाद छठी आईआरबी बटालियन की कमांडेंट शुभ्रा तिवारी को सिरमौर में पुलिस अधीक्षक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है। इसके आदेश चार दिन पहले ही जारी हो गए थे। जानकारों का कहना है कि पुलिस अधीक्षक की गैर मौजूदगी में कई कार्य प्रभावित होते हैं।
उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश के पांच पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से अलंकृत करने का ऐलान हुआ था, इसमें आईपीएस ओमापति जम्वाल भी शामिल थे। शिमला में एसपी रहने के बाद उनका तबादला स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो में किया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान ही चैपाल थाने को देश भर में छठे स्थान पर आंका गया था। ओमापति जम्वाल ने ही थाना स्तर पर नशा निवारण समिति गठित करने की योजना तैयार की थी। इसको लेकर 2019 में स्काॅच अवार्ड से भी नवाजा गया था।
शिमला में एसपी रहते हुए नशे के खिलाफ खासे मुखर रहे। कई उल्लेखनीय कार्य करने का श्रेय भी हासिल है। दीगर ये भी है कि आईपीएस ओमापति जम्वाल के भाई त्रिलोक जम्वाल इस समय सीएम के मुख्य सलाहकार भी हैं। कुल मिलाकर अब देखना ये है कि वो बतौर पुलिस अधीक्षक अपनी अगली पारी सिरमौर में शुरू करते हैं या नहीं।