शिमला, 25 अगस्त : हिमाचल की बेटियां न केवल देश-प्रदेश में अपनी क़ाबलियत का लोहा मनवा रही हैं, बल्कि अब कंगारू सरजमीं पर अपनी काबलियत के जलवे बिखेरेगी। जी हाँ, मंगलवार शाम जैसे ही ऑस्ट्रेलिया दौरे में तीन मैचों की T-20 श्रृंखला के लिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम चयन हुआ, मानो पूरे हिमाचल में ख़ुशी की लहर आ गई हो। दरअसल हिमाचल की राजधानी शिमला के रोहड़ू उपमंडल के पारसा गांव की 25 वर्षीय तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर का चयन भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए हुआ है। सितंबर माह में आयोजित होने वाली टी 20 श्रृंखला के लिए हिमाचली बेटी भी ऑस्ट्रेलिया जाएगी।
रेणुका ने तीन साल की उम्र में अपने पिता केहर सिंह ठाकुर को खो दिया था। भारतीय महिला टी -20 टीम से पहली बार कॉल-अप मिलने पर पिता की याद आ गई। उनके पिता क्रिकेट के बड़े शौकीन थे। उन्होंने बड़े बेटे का नाम अपने पसंदीदा क्रिकेटर विनोद कांबली के नाम पर विनोद रखा था।
बता दें कि रेणुका के पिता रोहड़ू में आईपीएच विभाग में कार्यरत थे। 1999 में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद परिवार की जिम्मेदारी रेणुका की मां सुनीता के कंधों पर आ गई। रेणुका अक्सर कुंडी नाले के पास गांव के मैदान में क्रिकेट खेलने जाती थी। मां सुनीता ने भी बेटी को प्रोत्साहित किया। उनका कहना है कि पति चाहते थे कि उनके दोनों बच्चे खेल खेलें और देश को गौरवान्वित करें।
सुनीता देवी बताती हैं, बीमारी के बाद परिवार के मुखिया की मृत्यु, एक कठिन दौर था। लेकिन बेटे और बेटी को कभी खेलने के लिए नहीं रोका। रोहड़ू में रेणुका अपना समय बड़े भाई विनोद और उसके दोस्तों के साथ गांव के मैदान में क्रिकेट खेलकर बिताती थी। कभी-कभी वह दूसरे गांवों में क्रिकेट खेलने जाती थी। बाद में उन्हें एचपीसीए अकादमी के लिए चुना गया। इसके बाद रेणुका को परिवार से दूर रहना पड़ा, लेकिन आज भारतीय महिला टीम का हिस्सा देखना कठिन दौर का एक ईनाम है।
अकादमी ज्वाइन करने के बाद रेणुका को हिमाचल में अंडर -16 और अंडर -19 टीमों के लिए खेलने का मौका मिला। 2019 में बीसीसीआई महिला एक दिवसीय टूर्नामेंट में रेणुका ने 23 विकेट झटके। अब रेणुका का चयन भारतीय महिला टीम में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए हुआ है।