शिमला, 22 अगस्त : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रविवार व्यापक बारिश से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश से कुछ स्थानों पर जहां विशालकाय पेड़ धराशायी हुए, वहीं एक अस्थायी मकान भूस्खलन की जद में आया। शहर में बारिश और भूस्खलन से आम जनजीवन प्रभावित हुआ और कई क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति भी ठप रही। गनीमत यह रही कि इस दोैरान किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ।
सुबह के वक्त शिमला में हुई जोरदार बारिश से टालैंड के समीप खलीनी बाईपास पर देवदार का विशालकाय पेड़ जड से उखड़कर सड़क के बीचों-बीच गिर गया और वहां पार्क एक टिप्पर इसकी चपेट में आकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि टिप्पर में कोई भी सवार नहीं था। बाईपास मार्ग पर पेड़ गिरने से वाहनों का जाम लग गया। नगर निगम प्रशासन ने पेड़ को काटकर बाईपास बहाल किया। इसके बाद आईएसबीटी-फागली सड़क पर दो देवदार के पेड़ गिरे।
इस घटना में भी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। बाद दोपहर फागली संस्कृत कालेज के समीप एक अस्थायी मकान भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ। घटना के वक्त अस्थायी मकान खाली था। शहर में बारिश का दौर लगातार चलने से भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। हर साल बरसात के मौसम में राजधानी में भूस्खलन की कई घटनाएं घटित होती हैं।
मोैसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दोैरान शिमला में 64 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा नेैना देवी में 47, पालमपुर में 43, सुजानपुर टीहरा में 43, बेैजनाथ में 34, बलद्वारा में 32, बरठीं में 31, करसोग में 30, कोटखाई में 27, नादोैन में 25, सुंदरनगर में 20, भराड़ी व नालागढ़ में 19-19, कुफरी, जोगेंद्रनगर व मनाली में 17-17, मैहरे, बिजाई, कंडाघाट व धर्मशाला में 16-16 मिमी बारिश दर्ज की गई।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि राज्य में आगामी दिनों में भी बादलों के बरसने की संभावना बनी हुई है। 28 अगस्त तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। 26 अगस्त को मैेदानी एवं मध्य पर्वतीय इलाकों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की आशंका है और आठ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने आम जनमानस एवं सैलानियों से नदी-नालों के निकट न जाने की अपील की है।