मंडी, 16 अगस्त : 1985 में प्रकाशित पुस्तक में गुर्जर समुदाय की महिलाओं के चरित्र को लेकर की गई टिप्पणी पर गुर्जर समुदाय भड़क गया है। अभद्र टिप्पणी के विरोध में आज गुर्जर समुदाय के लगभग 450 लोगों ने मंडी जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। एडीएम मंडी के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन भेजकर पुस्तक को सरकारी संस्थानों से हटाने की मांग उठाई है।
गुर्जर एकता मंच के जिला संयोजक मंडी जिला के टकोली निवासी अभिमन्यु गोरसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने हिमाचल प्रदेश संस्कृति, अर्थव्यवस्था एवं इतिहास नामक पुस्तक को पढ़ना शुरू किया तो मालूम हुआ कि इस पुस्तक के 2016 वाले लेटेस्ट एडिशन के 43 नंबर पन्ने पर गुर्जर समुदाय की महिलाओं के चरित्र को लेकर अभद्र टिप्पणी की गई है। पुस्तक को स्व. लेखक गोवर्धन सिंह ने लिखा है और इसका प्रकाशन मिनी राय बुक आउट्स की तरफ से किया गया है।
इस पुस्तक का पहला ऑडिशन 1985 में प्रकाशित हुआ था। अभिमन्यु ने बताया कि यह पुस्तक सरकार द्वारा अप्रूव्ड पुस्तक है और ऐसे में इस किताब को सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों से तुरंत प्रभाव से हटाया जाए और प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इनका कहना है कि इसी पुस्तक में अन्य समुदायों के प्रति भी अभद्र टिप्पणियां की गई हैं जिनकी जानकारी उन समुदायों को दी जा रही है।
वहीं इन्होंने सरकार से यह मांग भी उठाई है कि लेखक की अन्य पुस्तकों का अवलोकन करने के लिए एक कमेटी बनाई जाए और सभी पुस्तकों का बारीकी से अध्ययन किया जाए। वहीं इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार पुस्तक को जल्द वापिस नहीं लेती है तो फिर गुर्जर समुदाय के लोग प्रदेश भर में उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस मौके पर गुर्जर एकता मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश राव और पंजाब व हरियाणा से आए गुर्जर एकता मंच के अध्यक्ष भी मौजूद रहे।