शिमला,06 अगस्त : प्रदेश की राजधानी से रौंगटे खड़े कर देने वाला समाचार मिला है। नरभक्षी तेंदुए ने सात साल की मासूम बच्ची को मौत के घाट उतार दिया है। शुक्रवार सुबह बच्ची का सिर बरामद हुआ है। तेंदुए ने बच्ची के सिर को बुरी तरीके से नोच दिया है। जानकारी के मुताबिक बच्ची का सिर घर से लगभग 500 मीटर दूरी पर कनलोग के घने जंगल में बरामद हुआ है।
बता दे कि देर रात कच्चे ढारे घर में घुसकर तेंदुआ 5 साल की बच्ची को उठाकर ले गया था। वन्य प्राणी विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया। पीड़ित परिवार बिहार का रहने वाला है। तेंदुआ अंधेरे का फायदा उठाकर बच्चे पर झपटा और जंगल की तरफ ले गया। जैसे ही परिजनों ने चिल्लाना शुरू किया तो स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। पुलिस व वन विभाग की टीम ने देर रात से ही सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ था।
इसी बीच शुक्रवार सुबह मासूम बच्ची का सिर मिल गया है, तेंदुए ने मासूम बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने बताया कि सर्च ऑपरेशन जारी है। बच्ची के शरीर के बाकि हिस्से को भी ढूढ़ने की कोशिश की जा रही है।
उधर एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में वाइल्ड लाइफ के सीसीएफ अनिल ठाकुर ने कहा कि तेंदुए को ट्रैप करने के कदम उठा लिए गए है। अगर वो ऐसी घटना की पुर्नावृति करता है तो उसे नरभक्षी घोषित करने के बाद शूट भी किया जा सकता है। मूवमेंट जानने के लिए ट्रैप कैमरे लगाए जा रहे है। उन्होंने बताया कि फौरी राहत के तौर पर 25,000 रुपये की राशि जारी कर दी गई है। चार लाख तक के मुआवजे का प्रावधान होता है।
दीगर है कि कई साल पहले रामपुर-किन्नौर की सीमा पर तेंदुए को नरभक्षी घोषित करने के बाद उसे शार्प शूटर्स ने मार दिया था। उधर राजधानी के आसपास कंस्ट्रक्शन करने वाले प्रवासी मजदूरों के जंगलों के नजदीक कच्चे घरों में रहने को लेकर भी सवाल पैदा हुए है। बिल्डर द्वारा उनके रहने के लिए सुरक्षित ठिकाने उपलब्ध नहीं करवाए जाते है।