मंडी, 06 अगस्त : हिमाचल प्रदेश में जारी विकासात्मक परियोजनाओं के लिए अपनी जमीनों का अधिग्रहण करने वाले प्रभावित अब सरकार के खिलाफ पूरी तरह से मुखर हो गए हैं। प्रदेश भर के प्रभावितों ने जिला में एकजुट होकर ’’भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच’’ का गठन करके आंदोलन का ऐलान कर दिया है। जिला निवासी बीआर कौंडल को मंच का अध्यक्ष चुना गया है। बैठक के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत में बीआर कौंडल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2013 में नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाया था जिसे प्रदेश में आज तक लागू नहीं किया गया।
इस कानून में पुनर्स्थापना, पुनर्वास और चार गुणा मुआवजे का प्रावधान है। प्रदेश में आज तक न तो किसी की पुनर्स्थापना हुई और न ही पुनर्वास हुआ जबकि चार गुणा के स्थान पर सिर्फ दोगुना मुआवजा ही दिया जा रहा है। राज्य की भाजपा सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में चार गुणा मुआवजे की बात भी कही थी जोकि आज तक पूरी नहीं हो सकी है।
प्रदेश में लोगों की कीमती जमीनें कौड़ियों के भाव ली जा रही हैं और आगे भी इसी तरह से लेने की मंशा है। सरकार की इस मंशा को अब पूरा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2013 के कानून में जो प्रावधान हैं उन्हें सरकार लागू करे और यदि नहीं करती है तो फिर प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा।
नवगठित मंच में जोगिन्दर वालिया को संयोजक, नरेश ठाकुर, मदन शर्मा, राजेश पठानिया व परमानन्द शर्मा को सह संयोजक चुना गया। इस बैठक में कुल्लू से नरेश ठाकुर, शिमला से डॉ. कुलदीप तंवर, बिलासपुर से मदन शर्मा और कांगड़ा से राजेश पठानिया सहित प्रदेश भर से आए 60 से अधिक प्रभावितों ने भाग लिया।